केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय वाहन निर्माताओं की तरफ से परीक्षण के लिए भारत लाए जाने वाली कारों पर आयात शुल्क (Import Duty) 252 फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया है। वैश्विक वाहन निर्माताओें को अपनी कारें भारत में परीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा, कारों के परीक्षण के वैश्विक कारोबार पर भारत में कोई सीमा शुल्क नहीं लगेगा। इस कदम से और देशों के वाहन निर्माता भारत में यह सुविधा पाने के प्रति आकर्षित होंगे। शून्य सीमा शुल्क 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा।
पांडे ने कहा, पहले ऐसे वाहनों के आयात पर भारी सीमा शुल्क देना पड़ता था, जिससे परीक्षण वाली एजेंसियां के वैश्विक कारोबार व सेवाओं के लिए यह गैर-प्रतिस्पर्धी बन जाती थी। अब शून्य आयात शुल्क से भारत वैश्विक परीक्षण का केंद्र बन जाएगा। इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी), मानेसर (हरियाणा) में देश में वाहन उद्योग के विकास व संवर्धन की खातिर टुआर्ड्स पंचअमृत कॉन्फ्रेंस ऐेंड एक्सपोजिशन ऑन एमएचआई स्कीम्स का उद्घाटन करते हुए पांडे ने ये बातें कही।
सरकार ने वाहनों के परीक्षण के लिए चार केंद्र बनाए हैं – आईसीएटी (मानेसर), एआरएआई (पुणे), जीएआरसी (ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर, ओरंगडम) और नैशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (पीथमपुर)।
परीक्षण के लिए भारत लाए जाने वाले कारों पर सीमा शुल्क में संशोधन का प्रावधान वित्त विधेयक में किया गया, जिसे 1 फरवरी को पेश किया गया।
मंत्री की मौजूदगी में कार क्रैश टेस्ट का प्रदर्शन भी किया गया। आईसीएटी सेंटर में 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली कार का कामयाबी के साथ क्रैश टेस्ट किया गया। आईसीएटी ने वित्त वर्ष 23 के लिए टेस्टिंग का लक्ष्य बढ़ाकर 90 कर दिया है, जो वित्त वर्ष 22 में 56 रहा था।