गूगल मंगलवार को प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप को अस्थायी रूप से बहाल करने और यथास्थिति बनाए रखने पर सहमत हो गया है। यह फैसला केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रभावित ऐप स्टार्टअप के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद लिया गया। गूगल के प्रवक्ता ने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन होने की डेवलपरों की अपील पर हम सहयोग करते हुए अस्थायी रूप से ऐप को प्ले स्टोर पर बहाल कर रहे हैं। गूगल को अपना कारोबारी मॉडल लागू करने का पूरा अधिकार है।’
दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी ने हालांकि कहा कि वह अंतरिम तौर पर फीस वसूलना शुरू करेगी, लेकिन इन कंपनियों के भुगतान पर तब तक जोर नहीं देगी जब तक मामला अदालत में चल रहा है। कंपनी ने कहा, ‘सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए हम मामले का समाधान करने के लिए पूरा सहयोग करेंगे।’ इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने गूगल और प्रभावित स्टार्टअप के प्रतिनिधियों के साथ एक और बैठक की।
उसमें उन्होंने गूगल से ऐप्स को प्ले स्टोर पर बहाल करने के लिए कहा था। ये सभी ऐप्स बीते 1 मार्च को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिए गए थे। वैष्णव ने कहा, ‘गूगल और स्टार्टअप कंपनियों ने हमसे मुलाकात की है। सभी हितधारकों के साथ बातचीत काफी सकारात्मक रही। गूगल सभी एप्स को बहाल करने पर सहमत हो गया है। हमें पूरा भरोसा है कि आने वाले महीनों में गूगल और स्टार्टअप्स एक ठोस समाधान तलाश लेंगे।’
गूगल प्ले स्टोर ने गूगल बिल प्रणाली का इस्तेमाल करने वाले ऐप्स पर खरीद और सब्सक्रिप्शन फीस के रूप में 15 से 30 प्रतिशत शुल्क लागू किया था। जिन डेवलपर्स ने थर्ड पार्टी बिलिंग विकल्प को चुना, गूगल ने उनसे सेवा शुल्क के रूप में चार प्रतिशत की कमी करते हुए 11 से 26 प्रतिशत कमिशन लेने का निर्णय लिया था।
पीपल ग्रुप सीईओ अनुपम मित्तल ने हस्तेक्षप कर मामले को सुलझाने के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजीव चंद्रशेखर का धन्यवाद किया। शादी डॉटकॉम समेत कई लोकप्रिय ऐप को पिछले शुक्रवार को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था।
मित्तल ने कहा, ‘गूगल को इन ऐप को 24 घंटे के अंदर बहाल करने को कहा गया था। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी डेवलपर्स को भुगतान गेटवे चुनने की आजादी हो और बाजार को अपनी संचालन लागत तय करने देनी चाहिए।’