facebookmetapixel
H1B visa fee: ‘स्टेटस’ बदलवाने पर नहीं लगेगा शुल्कसाने ताकाइची जापान की पहली महिला पीएम, शिगेरु इशिबा का स्थान लियासंवत 2081 में व्यापार पर टकराव से रुपये पर आया दबाव, 4.36% तक टूटासंवत 2082 में दर कटौती और व्यापार वार्ता से तय होगी रुपये व बॉन्ड की चालसरकार के उपायों से बल, बैंकों के ऋण वितरण में दूसरी छमाही में दिखेगी रफ्तारदीवाली पर बिक्री 5.40 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर, स्वदेशी वस्तुओं की मांग ज्यादामुहूर्त ट्रेडिंग में सेंसेक्स व निफ्टी लगातार 8वें साल लाभ में रहे, आगे भी तेजी के आसारकारोबार में अस्थायी रुकावट का अर्थ कारोबारी गतिवि​धि बंद होना नहीं: सुप्रीम कोर्टएचसीएलटेक बनी सबसे तेजी से बढ़ने वाली आईटी सेवा कंपनी, दूसरी तिमाही में 4.6% वृद्धि दर्ज कीस्काई एयर को ड्रोन के जरिये 3 लाख ऑर्डर डिलिवरी की उम्मीद

नहीं रहे प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक श्रीनिवासन

उनके नेतृत्व में, 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयां विकसित की गईं  जिनमें से सात चालू थीं, सात निर्माणाधीन थीं और चार योजना के चरण में थीं।

Last Updated- May 20, 2025 | 11:51 PM IST
Scientist M R Srinivasan

भारत के स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में अहम योगदान देने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एम आर श्रीनिवासन का मंगलवार को तमिलनाडु के उधगमंडलम में निधन हो गया। परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। वह 95 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है।

परिवार ने एक बयान में कहा, ‘हम परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव डॉ. एम आर श्रीनिवासन के निधन की घोषणा करते हुए बहुत दुखी हैं।’ परिवार ने कहा कि श्रीनिवासन सितंबर 1955 में डीएई से जुड़े और उन्होंने देश के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर, अप्सरा के निर्माण पर डॉ होमी भाभा के साथ काम करना शुरू किया था। उन्हें 1959 में भारत के पहले परमाणु ऊर्जा केंद्र के निर्माण के लिए प्रधान परियोजना अभियंता नियुक्त किया गया था।

बयान के अनुसार, ‘उनके नेतृत्व ने देश के परमाणु कार्यक्रम को आकार देना जारी रखा। 1967 में उन्होंने मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एमएपीएस) के मुख्य परियोजना इंजीनियर के रूप में कार्यभार संभाला।’ वह राष्ट्रीय महत्त्व के कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे। इनमें डीएई में ऊर्जा परियोजना आभियांत्रिकी विभाग के निदेशक और परमाणु ऊर्जा बोर्ड के अध्यक्ष का पद शामिल है। बयान के अनुसार, ‘इन भूमिकाओं में उन्होंने देशभर में सभी परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं की योजना, क्रियान्वयन और परिचालन पर निगरानी रखी।’

बयान में कहा गया, ‘1987 में उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। उसी वर्ष, वह भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड के संस्थापक-अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में, 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयां विकसित की गईं  जिनमें से सात चालू थीं, सात निर्माणाधीन थीं और चार योजना के चरण में थीं।’ भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए श्रीनिवासन को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था। 

First Published - May 20, 2025 | 11:22 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट