गूगल ने भले ही ऐंड्रॉयड मोबाइल तंत्र और प्ले स्टोर की बिलिंग में बदलाव करने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के निर्देश का पालन करना शुरू कर हो, लेकिन भारतीय डेवलपरों का कहना है कि गूगल इन निर्देशों का पालन करने में विलंब की रणनीति का प्रयोग कर रही है।
डेवलपर समुदाय द्वारा उठाई गई कुछ चिंताएं यह हैं कि गूगल ने अभी तक कमीशन और शुल्क स्पष्ट नहीं किया है। कुछ ने यह भी कहा कि सीसीआई के निर्देश का पालन करने के लिए और समय मांगकर गूगल प्रक्रिया में देर ही कर रही है।
बुधवार को जारी एक ब्लॉग में गूगल ने कहा कि वह ओईएम को इंस्टॉलेशन के लिए अलग-अलग गूलगल ऐप को लाइसेंस देने की अनुमति प्रदान कर रहा है। भारतीय उपयोगकर्ता अब अपने डिफॉल्ट सर्च इंजन को विकल्प वाली उस स्क्रीन के जरिये चुन सकेंगे, जो जल्द ही दिखाई देने लगेगी। जब कोई उपयोगकर्ता नए ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन या टैबलेट की सेटिंग करेगा।
गूगल ने यह भी कहा कि उपयोगकर्ता की पसंद वाली बिलिंग अगले महीने से सभी ऐप और गेम के लिए उपलब्ध होगी। उपयोगकर्ता की पसंद की बिलिंग के जरिये डेवलपर उपयोगकर्ताओं को इन-ऐप डिजिटल सामग्री खरीदते समय गूगल प्ले के बिलिंग प्रणाली के साथ एक वैकल्पिक बिलिंग प्रणाली चुनने की अनुमति दे सकते हैं।
डेटिंग ऐप ट्रूलीमैडली के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी स्नेहिल खानोर ने कहा कि जैसा कि डर था, यह देर करने की एक और रणनीति की तरह दिख रहा है। सीसीआई के सभी निर्देशों का पूरी तरह से, उस भावना के अनुरूप और तीन महीने की निर्देशित समयसीमा के भीतर पालन करने के बजाय, ऐसा लगता है कि वे उसी तरह खामियों का फायदा उठा रहे हैं, जैसा उन्होंने यूरोप और दक्षिण कोरिया में कॉस्मेटिक बदलावों को लागू करके किया था।
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मैपमाईइंडिया के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक रोहन वर्मा ने कहा कि गूगल सीसीआई की जांच और निर्देशों के परिणाम को हल्का करने और विलंब करने की कोशिश कर रहा है तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रही है।
उन्होंने सवाल किया कि अगर गूगल प्ले से दूसरी ऐप को आसानी से अनइंस्टॉल किया जा सकता है, तो गूगल दूसरे ऐप स्टोरों को गूगल प्ले स्टोर से वितरण करने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है?