चीन की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता लीपमोटर 2024-25 की तीसरी तिमाही में अपनी पहली कार पेश कर भारतीय बाजार में उतरेगी। इसके लिए कंपनी ने स्टेलैंटिस के साथ भागीदारी की है। स्टेलैंटिस के मुख्य कार्याधिकारी कार्लोस टवारेस ने मंगलवार को यह घोषणा की।
उन्होंने चीन के हांगझोउ में एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को बताया कि एम्सटर्डम स्थित कंपनी ऊंचे आयात शुल्क की समस्या से मुकाबला करने के लिए लीपमोटर के ईवी तैयार करने और बेचने के लिए भारत में अपनी निर्माण इकाई का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है। भारत ईवी के कम्पलीटली बिल्ट यूनिट्स (सीबीयू) पर 70 से 100 प्रतिशत के दायरे में आयात शुल्क वसूलता है।
स्टेलैंटिस और लीपमोटर ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्हें लीपमोटर इंटरनैशनल बीवी (स्टेलैंटिस के नेतृत्व वाला 51:49 स्वामित्व का संयुक्त उपक्रम) से सभी जरूरी मंजूरियां मिल गई हैं। संयुक्त उपक्रम सबसे पहले इस साल सितंबर में 9 यूरोपीय देशों में लीपमोटर के ईवी की पेशकश करेगा।
दूसरे चरण में, वह ब्राजील और चिली, पश्चिम एशिया, अफ्रीका, भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बाजारों पर ध्यान देगा और वहां 2024-25 की तीसरी तिमाही में लीपमोटर के ईवी पेश कर दिए जाएंगे।
जब टवारेस से पूछा गया कि संयुक्त उपक्रम भारत में कौन से मॉडल पेश करने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने कहा, ‘दूसरे कदम के तौर पर, हम भारत में अवसरों पर ध्यान देंगे। इसलिए, मुझे लगता है कि आपके सवाल का उत्तर देना अभी जल्दबाजी होगी। मैं उसके लिए माफी चाहता हूं। मुझे लगता है कि हमें पहले कदम के रूप में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से शुरुआत करने की जरूरत है और वहां से हमें भारत में मौजूद अवसरों पर ध्यान देने की जरूरत होगी।’
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कुल बिक्री 2023-24 में बढ़कर 90,996 हो गई, जो वित्त वर्ष 2023 में 47,551 थी। यह 91 प्रतिशत की वृद्धि है। भारत में स्टेलैंटिस अपने दो निर्माण संयंत्रों का परिचालन करती है।