केंद्र सरकार उन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जिन्होंने प्रोत्साहन राशि वापस नहीं की है। सरकार का कहना है कि उन्होंने फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) 2 योजना के तहत गलत तरीके से सब्सिडी का दावा किया गया था।
चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के कारण तीन मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को सरकार को करीब 310 करोड़ रुपये वापस करने हैं।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार भारी उद्योग मंत्रालय हीरो इलेक्ट्रिक और बेनलिंग इंडिया के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रहा है। एक अन्य डिफॉल्टर ओकिनावा का मामला पहले से ही अदालत में विचाराधीन है। इसने पहले ही नवंबर 2023 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी, जिसमें सब्सिडी वसूलने के सरकार के निर्देश के खिलाफ रोक लगाए जाने की मांग की गई थी।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा ‘सभी चूककर्ताओं को गलत तरीके से दावे वाली सब्सिडी वापस करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। सात में से चार ने इसे चुका दिया है, लेकिन तीन को भुगतान करना है। ओकिनावा का मामला पहले से ही अदालत में है। हम बाकी दो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।’
हीरो इलेक्ट्रिक पर करीब 140 करोड़ रुपये का, जबकि ओकिनावा पर 120 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। बेनलिंग पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा। ब्याज के कारण जुर्माने की राशि बढ़ती जा रही है। हीरो इलेक्ट्रिक ने इस अखबार को एक ईमेल से भेजे जवाब में कहा, ‘हम 18 महीने से अधिक समय से इस मामले पर सक्रिय रूप से बातचीत में लगे हुए हैं।
हमारा रुख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और हम इस मसले को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम पहले ही सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए विभिन्न समाधान पेश कर चुके हैं। गैर-अनुपालन के मामले में हम पहले ही मंत्रालय को फेम नीति के साथ हमारे पूर्ण अनुपालन प्रदर्शित करने वाली जरूरी जानकारी प्रदान कर दी है और यह आदेश हम पर जरा भी लागू नहीं होता है।’
इस बारे में हमने बेनलिंग इंडिया को भी सवाल भेजे थे लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला है।