facebookmetapixel
कच्चे माल के महंगे होने से वाहन और ऑटो पार्ट्स कंपनियों के मार्जिन पर बढ़ेगा दबावटाटा स्टील की डच इकाइयों पर 1.4 अरब यूरो का पर्यावरणीय मुकदमामल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स से भारत में कारोबार बढ़ाएगी डीपी वर्ल्डटाइटन ने लैब-ग्रोन डायमंड बाजार में रखा कदम, ‘beYon’ ब्रांड लॉन्चभारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारकेंद्र से पीछे रहे राज्य: FY26 में राज्यों ने तय पूंजीगत व्यय का 38% ही खर्च कियाएनकोरा को खरीदेगी कोफोर्ज, दुनिया में इंजीनियरिंग सर्विस सेक्टर में 2.35 अरब डॉलर का यह चौथा सबसे बड़ा सौदा

Alert for Chrome Users: क्या आपका गूगल क्रोम सेफ है? जानें क्यों जारी हुआ हाई रिस्क अलर्ट

CERT-In के मुताबिक गूगल क्रोम की ये कमजोरियां विंडोज़ (Windows), मैक (Mac) और लिनक्स (Linux) - तीनों ही ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर्स को प्रभावित कर सकती हैं।

Last Updated- February 23, 2024 | 12:58 PM IST
AI से लैस हुआ Chrome ब्राउज़र, Google ने रॉल-आउट किया Chrome M122 अपडेट , Chrome browser equipped with AI, Google rolls out Chrome M122 update

आज के समय में बढ़ती डिजिटल दुनिया में इंटरनेट से जितना फायदा है कहीं न कहीं उसके नुकसान भी देखने को मिल जाते हैं। जरा सी लापरवाही और यूजर किसी बड़े डिजिटल जालसाजी या प्राइवेसी ब्रीच का शिकार बन सकते हैं। डिजिटल इस्तेमाल को सेफ रखने के लिए समय-समय पर एजेंसियां निर्देश और अलर्ट जारी करती रहती हैं।

ऐसा ही एक अलर्ट इस बार जारी हुआ है, दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले ब्राउज़र गूगल क्रोम को लेकर। क्रोम का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक ‘हाई रिस्क अलर्ट’ जारी किया गया है। ये अलर्ट भारत सरकार की महत्वपूर्ण एजेंसी – कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (Cert-In) ने अपनी लेटेस्ट सिक्योरिटी एडवाइजरी के तहत जारी किया है। ये एजेंसी देश देश की सायबर सिक्योरिटी के लिए काम करती है।

क्यों जारी हुआ हाई रिस्क अलर्ट?

Cert-In ने अपनी लेटेस्ट सिक्योरिटी एडवाइजरी में कहा है कि गूगल क्रोम में कई कमजोरियों का पता चला है, जिसके कारण दूर बैठे-बैठे सायबर अटैक करने वाले आपके सिस्टम को ‘हैक’ कर सकते हैं। CERT-In के मुताबिक गूगल क्रोम की ये कमजोरियां विंडोज़ (Windows), मैक (Mac) और लिनक्स (Linux) – तीनों ही ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर्स को प्रभावित कर सकती हैं।

एडवाइजरी के मुताबिक गूगल क्रोम के v122.0.6261.57 या उससे पुराने वर्जन में इसका असर होने का खतरा ज्यादा है।

गूगल ने जारी किया सिक्योरिटी फिक्स

सर्ट-इन ने अपनी एडवाइजरी में बताया है कि ब्राउजर की सिक्योरिटी से जुड़ी इन खामियों को दूर करने के लिए गूगल ने क्रोम के लेटेस्ट वर्जन में 12 सिक्योरिटी फिक्स जारी किए हैं।

क्या कर सकते हैं क्रोम यूजर्स?

सायबर सिक्योरिटी एजेंसी ने गूगल क्रोम इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को हिदायत दी है कि किसी भी तरह से साइबर अटैक से बचने से लिए ब्राउज़र को तुरंत अपडेट करके लेटेस्ट वर्जन को इंस्टाल कर लें। यह हिदायत विंडोज़ (Windows) ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस्तेमाल करने वालों के साथ ही साथ एपल के बने मैक (Mac) कंप्यूटर चलाने वालों और लिनक्स (Linux) ऑपरेटिंग सिस्टम के यूजर्स के लिए भी दी गई है।

कैसे इंस्टाल करें Google Chrome का लेटेस्ट वर्जन ?

1. Google Chrome को अपडेट करने के लिए कंप्यूटर का ब्राउज़र खोलें और स्क्रीन के सबसे ऊपर दाईं ओर, दिखने वाले वाले तीन डॉट्स पर क्लिक करें।

2. क्लिक करने पर आपको एक ड्रॉप-डाउन मेनू दिखाई देगा। वहां Help पर टैप करने के बाद About Google Chrome पर क्लिक करें।

3. जैसे ही आप About Chrome पर क्लिक करेंगे, आपके Google Chrome को अपडेट करने की प्रॉसेस शुरू हो जाएगी और आपकी स्क्रीन पर ‘Updating Chrome’ का मैसेज और अपडेशन का परसेंटेज दिखाई देने लगेगा।

4. अपडेट करने की प्रॉसेस पूरी हो जाने के बाद आपको ‘Relaunch’ के बटन पर क्लिक करना होगा। इसके साथ ही आपके Google Chrome ब्राउजर के लेटेस्ट वर्जन का इंस्टालेशन पूरा हो जाएगा।

First Published - February 23, 2024 | 12:58 PM IST

संबंधित पोस्ट