बारिश के बावजूद उत्तरी राज्यों में दोगुनी रफ्तार से जल रही है पराली
फसल कटाई में देरी और उत्तर भारत से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की देर से वापसी के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं लगभग दोगुनी हो गई हैं। पर्यावरण को लेकर ज्यादा खतरे वाले राज्यों में 15 सितंबर से 6 अक्टूबर तक पराली जलाने की घटनाएं 801 हो गई हैं, जबकि 2021 में इसी समय के दौरान इसकी […]
प्लास्टिक पर रोक से बढ़ेगा जूट का जोर
जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में एक बार इस्तेमाल वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से खत्म करने का आह्वान किया था तब जगदीश भाटिया के लिए नई संभावनाओं का आगाज हो रहा था। उन्होंने ‘नो प्लास्टिक शॉप’ की स्थापना की, जो पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बेचने वाली […]
प्लास्टिक पर प्रतिबंध कितने सफल
भारत में कुछ वस्तुओं पर प्रतिबंध 1 जुलाई से ही प्रभावी हो गया और इन वस्तुओं को केवल एक बार ही इस्तेमाल में लाने लायक प्लास्टिक के रूप में परिभाषित किया गया है। हालांकि कुछ उद्योगों ने इसकी समय-सीमा स्थगित करने का भारी दबाव बनाया था। तथ्यात्मक रूप से देखा जाए तो भले ही एक […]
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद खुद को कारोबार हितैषी साबित करने की कोशिश की है। इसका अपने इस एजेंडे को पूरा करने के प्रयास का एक प्रमुख तरीका पर्यावरण संरक्षण कानूनों में ढील देना है। इस संदर्भ में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के नए प्रस्ताव […]
नहीं टाला जाएगा प्लास्टिक प्रतिबंध
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने उद्योग जगत की चिंता को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए आज कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध लागू करने की तिथि में बढ़ोतरी या इसमें कोई राहत दिए जाने की संभावना नहीं है। एसयूपी पर 1 जुलाई से प्रतिबंध लागू होने वाला है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु […]
महाराष्ट्र की मंजूरी में फंसा माल भाड़ा गलियारा
महाराष्ट्र में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) का महत्त्वपूर्ण हिस्सा एक बार फिर नीतिगत और राजनीतिक दलदल में चला गया है। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार कॉरिडोर के लिए किए जाने वाले काम पर पर्यावरण संबंधी पाबंदियों को लेकर आमने-सामने हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड को पता चला है कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय कुमार त्रिपाठी ने […]
दुनिया को बचाने के लिए जरूरी सवाल
मैं यह आलेख गहरे क्षोभ के साथ लिख रही हूं। जून में दुनिया भर के देश स्टॉकहोम में एकत्रित हुए। ये देश वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को लेकर जगी चेतना के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एकत्रित हुए थे। यह बैठक परस्पर निर्भरता का उत्सव मनाने तथा पृथ्वी के हित में वैश्विक […]
केयर्न से लेकर हचिसन, हार्र्ली डेविडसन, जनरल मोटर्स, फोर्ड, होल्सिम, सिटीबैंक, बार्कलेज, आरबीएस और अब मेट्रो कैश ऐंड कैरी तक बड़ी वैश्विक कंपनियों के भारत से बाहर जाने अथवा यहां अपने कारोबार का आकार छोटा करने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। गत वर्ष दिसंबर में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने […]
उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं की सार्थकता कितनी अहम
वित्तीय बाजार अपेक्षाओं को बहुत अहमियत देते हैं। कंपनी प्रबंधन मार्गदर्शन देते हैं और इसके बदले में बाजार उनके मुनाफे को लेकर उम्मीदें बनाते हैं। पेशेवर अर्थशास्त्री आमतौर पर विकास, मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था की सेहत से जुड़े समान संकेतकों से जुड़ी अपेक्षाएं तैयार करने के लिए व्यापक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारकों के साथ […]
पर्यावरण के लिहाज से धान की सीधी बुआई के कई फायदे
धान उत्पादक आमतौर पर फसल के लिए जरूरी पानी की तुलना में बहुत अधिक पानी का उपयोग करते हैं। सिंचाई के लिए उपयोग में आने वाला 40-45 प्रतिशत पानी केवल धान के लिए ही इस्तेमाल कर लिया जाता है। यह संभवत: उस गलत धारणा का परिणाम है कि धान एक जलीय पौधा है जिसे पनपने […]