ऊंची ईंधन कीमतों से एयरलाइनों की बढ़ रही चिंता
विश्लेषकों को आशंका है कि इंडिगो की उड़ान में विलंब की समस्या से संकेत मिलता है कि भारतीय विमानन क्षेत्र बेहद प्रतिस्पर्धी परिवेश के कगार पर बढ़ सकता है। उनका कहना है कि तीन नई कंपनियों- एयर इंडिया ने अपने नए प्रबंधन, राकेश झुनझुनवाला की आकाश और फिर से उड़ान भरने की तैयारी कर रही […]
वर्ष 2022 के आरंभ से ही आर्थिक परिदृश्य में काले बादल छाये हुए हैं और वृद्धि के अल्पकालिक अनुमान कमजोर हैं। ईंधन कीमतों में तेजी आई है, व्यापार संतुलन और अधिक ऋणात्मक हुआ है, राजकोषीय संतुलन कमजोर हुआ है, पोर्टफोलियो पूंजी बाहर गई, रुपये में गिरावट आई, कंपनियां और अधिक सतर्क हो गई हैं, बाजारों […]
मुद्रास्फीति को लेकर बढ़ते सार्वजनिक दबाव के कारण यह तय था कि केंद्र सरकार आज नहीं तो कल इस दिशा में कदम उठाएगी। खासतौर पर ईंधन कीमतों में हो रहे इजाफे के कारण बढ़ती महंगाई को देखते हुए उसका ऐसा करना तय था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 7.8 फीसदी हो […]
ईंधन कीमतों में छोटी व बार बार होने वाली वृद्घि से खपत को झटका!
दो हफ्ते से ईंधन कीमतों में बार बार हो रहे इजाफे का छोटे और बड़े ट्रांसपोर्टरों के मार्जिन पर असर नजर आने लगा है और वे इस कीमत वृद्घि को बोझ अपने ग्राहकों पर डालने के लिए मजबूर हैं। ऐसा होने पर दैनिक उपभोग की वस्तुएं और अन्य सामानों की कीमत बढ़ेगी जिसका असर खपत […]
वैश्विक नकारात्मक घटनाओं ने भारतीय कंपनियों की संभावनाओं को भी प्रभावित किया है। यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन कीमतों में इजाफा हुआ है। इसके अलावा धातुओं, कागज, उर्वरक तथा गेहूं के दाम भी बढ़े हैं क्योंकि रूस और यूक्रेन इन जिंंसों के प्रमुख उत्पादक हैं। इसका अर्थ यह भी है कि नियॉन के अभाव के […]
वाहन कंपनियों के लिए अनुमान घटाने लगे ब्रोकरेज
ईंधन कीमतों में संभावित तेजी और वैश्विक उथल-पुथल के कारण आपूर्ति शृंखला में व्यवधान की आशंका के मद्देनजर ब्रोकरेज और रेटिंग एजेंसियों ने वाहन क्षेत्र के लिए अपने अनुमान में कटौती की है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पिछले एक सप्ताह के दौरान प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों ने कई प्रमुख वाहन कंपनियों के आय अनुमान को घटा […]
केंद्र सरकार द्वारा एयर इंडिया के संपूर्ण निजीकरण को मंजूरी दिए जाने से इस बात की आशा काफी बढ़ गई कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का विनिवेश भी प्रभावी ढंग से और योजना के मुताबिक इस वित्त वर्ष के समाप्त होने के पहले हो जाएगा। इसके बावजूद ईंधन अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के व्यापक प्रश्न […]
अत्यंत जरूरी वक्त में अनुपस्थित है विपक्ष
गत सप्ताह इस विषय पर काफी बहस हुई कि क्या पत्रकार ऐसी बात कहने का जोखिम उठा सकते हैं जो मोदी सरकार को पसंद आने वाली न हों। मौजूदा सरकार को मीडिया इतना बड़ा खतरा लगने लगा है कि जून के दूसरे पखवाड़े में नौ महत्त्वपूर्ण मंत्रियों की सदस्यता वाले एक मंत्री समूह ने इस […]
वित्त मंत्री जब भी संसद में चालू वित्त वर्ष के बजट संबंधी नए आंकड़े पेश करेंगी, उस समय यह सच भी सामने आ जाएगा कि कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था की वित्तीय स्थिति को तात्कालिक रूप से किस प्रकार प्रभावित किया है। इसके बाद चर्चा इसी विषय पर केंद्रित रहेगी। कोविड ने राजकोषीय स्थिति पर जो असर […]