facebookmetapixel
MCap: टॉप 8 कंपनियों का मार्केट वैल्यू ₹79,129 करोड़ घटा; Bajaj Finance और ICICI Bank सबसे बड़े नुकसान मेंRobert Kiyosaki ने खोले 6 निवेश के राज, जिन्हें अपनाकर आप बन सकते हैं अमीर!IRCTC टिकट बुकिंग में नया सिस्टम, फर्जी अकाउंट्स अब नहीं बचेंगेDelhi Weather Today: दिल्ली पर घना कोहरा, AQI 500 के करीब; GRAP स्टेज-4 की कड़ी पाबंदियां लागूElon Musk का अगला बड़ा दांव! SpaceX की IPO प्लानिंग, शेयर बिक्री से ₹800 अरब डॉलर वैल्यूएशन का संकेतUP: सांसद से प्रदेश अध्यक्ष तक, पंकज चौधरी को भाजपा की नई जिम्मेदारीइनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अलर्ट: फर्जी डोनेशन क्लेम पर टैक्सपेयर्स को मिलेगा SMS और ईमेलदिल्ली की हवा फिर बिगड़ी, AQI 450 के करीब पहुंचते ही GRAP स्टेज-4 के सभी नियम पूरे NCR में लागूकिराया सीमा के बाद भी मनमानी? 10 में 6 यात्रियों ने एयरलाइंस पर नियम तोड़ने का आरोप लगायाCorporate Actions: बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से भरपूर रहने वाला है अगला हफ्ता, निवेशकों के लिए अलर्ट मोड
लेख

कोविड की दूसरी लहर और आर्थिक दृष्टिकोण

कोविड-19 महामारी के कारण हमारे आसपास एक असाधारण स्वास्थ्य संबंधी त्रासदी घटित हो रही है। यह स्वाभाविक रूप से एक आर्थिक संकट की आशंका भी पैदा करता है। इस आलेख में हम इस संभावना पर बात करेंगे कि शायद पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आर्थिक गतिविधियां ज्यादा बुरी तरह प्रभावित न हों। कंपनियों […]

ताजा खबरें

बुनियादी परियोजनाओं की इकाई पर नीति निर्माता बंटे

नीति आयोग और सरकार के विभागों के नीति निर्माता बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए अलग इकाई या होल्डिंग कंपनी बनाकर ऐसी संपत्तियों को उसमें डाले जाने को लेकर बंटे हुए हैं। हालांकि नीति आयोग ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से इस तरह की एक अलग एसपीवी बनाने को कहा है। दो सरकारी […]

लेख

बाधित होगी वृद्धि

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर शून्य के करीब रह सकती है। उनका यह अनुमान भी अत्यधिक आशावादी प्रतीत होता है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक समेत अधिकांश जगहों से आए पूर्वानुमान में कहा गया है कि इस वर्ष वास्तविक उत्पादन में दो अंकों में गिरावट आ […]

लेख

कोविड-19 महामारी के संकट से इतर भी हो सुधार पर नजर

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने कहा था कि सत्ताधारी राजनेताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती है लंबी अवधि की नीति पर ध्यान केंद्रित करना। सरकार के सामने हर रोज नई चुनौतियां उभरती हैं, ऐसे में दूरगामी नीति तैयार करना उसकी प्राथमिकता में पीछे हो सकता है। भारत के मौजूदा नेतृत्व के समक्ष भी […]