नीति आयोग और सरकार के विभागों के नीति निर्माता बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए अलग इकाई या होल्डिंग कंपनी बनाकर ऐसी संपत्तियों को उसमें डाले जाने को लेकर बंटे हुए हैं। हालांकि नीति आयोग ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से इस तरह की एक अलग एसपीवी बनाने को कहा है।
दो सरकारी अधिकारियों ने बताया कि नीति आयोग ने एनएचएआई से कहा है कि वह मुद्रीकरण वाली अपनी सभी संपत्तियों के लिए सहायक इकाई या विशेष उद्देश्य इकाई (एसपीवी) बनाए, जिससे मुद्रीकरण के लिए संपत्तियों को तैयार रखा जा सके। अन्य विभागों की अन्य बुनियादी ढांचा संपत्तियों के लिए भी इस तरह के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है।
एनएचएआई से कहा गया है कि वह राजस्व अधिकार में बदलाव को लेकर इकाई या एसपीवी की संभावना तलाशे और समयबद्ध संपत्ति मुद्रीकरण ढांचा तैयार रखे। बहरहाल इस मसले पर नीति आयोग और विभिन्न सरकारी विभागों की राय अलग अलग है। उनका कहना है कि किसी एक एसपीवी को राजस्व अधिकार दे देना बहुत उचित तरीका नहीं होगा। उपरोक्त उल्लिखित दो अधिकारियों में से एक ने कहा कि बुनियादी ढांचा की प्रमुख संपत्तियों के लिए एक एसपीवी या होल्डिंग कंपनी बनाने मसले पर नियामकीय हिसाब से भी आकलन की जरूरत है। इन बुनियादी ढांचा संपत्तियों में से तमाम की बैलेंट सीट आज खराब है और उनसे जुड़ी देनदारियां हो सकती हैं। ऐसे में बुनियादी ढांचा की संपत्तियों के रोजाना के प्रबंधन को लेकर सेक्टर से जुड़ी विशेषज्ञता की जरूरत बढ़ रही है।