लूटपाट के एक अन्य मामले में विनय शर्मा और अक्षय सिंह ठाकुर के अलावा मुकेश और पवन गुप्ता भी आरोपी हैं। विनय और अक्षय ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दया प्रकाश के सामने याचिका दायर करके कहा था कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली सुविधा के अनुसार जेल में पढाई जारी रखना चाहते हैं।
विनय और अक्षय की ओर से पेश अधिवक्ता एपी सिंह ने अदालत से कहा कि विनय सामूहिक बलात्कार मामले में गिरफ्तारी से पहले डीयू से बीए प्रथम वर्ष की पढाई कर रहा था और वह अपने एक प्रश्नपत्र में उपस्थित नहीं हो सका।
अक्षय के बारे में उन्होंने कहा कि उनका यह मुवक्किल भी जेल में पढाई जारी रखना चाहता है।
सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि शिक्षा का अधिकार भारत के संविधान और उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी आरोपी या दोषी का मौलिक अधिकार है।
अदालत ने सिंह की इस याचिका को अनुमति दे दी।
कार्यवाही के दौरान, विनय ने अदालत में दावा किया कि उसे जेल में अन्य कैदियों से धमकी मिल रही है कि उन पर ब्लेड से हमला होगा।
उनके वकील ने कहा कि उनके मुवक्किलों को कैदियों से धमकी मिल रही है और अदालत को उनकी उचित सुरक्षा के लिए अधिकारियेां को निर्देश देने चाहिए।
अदालत ने जेल अधिकारियों को उन्हंे अलग कोठरी में रखने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान आज अदालत ने लूटपाट मामले में अभियोजन पक्ष के कुछ गवाहों के बयान भी दर्ज किये।