मोइली ने आज यहां कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय में संयुक्त सचिव गिरिधर अरमाणे का कोई तबादला नहीं किया गया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी :सीपीआई: नेता गुरदास दासगुप्ता ने आरोप लगाया है कि रिलायंस के मामले में सख्ती दिखाने वाले अधिकारी का तबादला कर दिया गया।
मोइली ने कहा कि अरमाणे उसी सीट पर हैं और अपना काम कर रहे हैं, केवल कुछ जिम्मेदारियों उनसे लेकर दूसरे अधिकारी को दी गईं हैं। गैर..परंपरागत संसाधन और गैस मूल्य जैसी कुछ जिम्मेदारियां दूसरे संयुक्त सचिव को दी गयी हैं।
अरमाणे 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा :आईएएस: के अधिकारी हैं और पूर्व पेट्रोलियम मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने उन्हें संयुक्त सचिव :उत्खनन: नियुक्त किया था।
मोइली ने कहा कि घरेलू गैस मूल्य के मामले में सरकार पहले ही फैसला ले चुकी है। अप्रैल 2014 से लेकर 2019 तक देश में उत्पादित गैस का दाम क्या होगा इसका निर्णय हो चुका है, अब केवल क्रियान्वयन का मुद्दा इसमें बचा है। जहां तक उत्खनन विभाग का मुद्दा है, वह अरमाणे के पास बना हुआ है। यही वह विभाग है जिसमें रिलायंस को कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ा।
दासगुप्ता के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा मैं आपको बार बार यह कह रहा हूं कि हमारी सोच बिल्कुल स्पष्ट है। हमने कोई भी निर्णय किसी की जरूरतों को देखते हुये नहीं लिया। यदि इसमें लेसमात्र भी कोई सबूत वह दिखाते हैं, मैं अगले दिन यहां इस सीट पर नजर नहीं आउंगा।
जारी भाषा
नननन