गांधी परिवार के वारिस और कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने परदादा जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम के मौके का इस्तेमाल परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को आड़े हाथ लेने के लिए किया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कई काम फोटो खिंचाने और नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने केलिए किए जा रहे हैं। भाजपा भी कहां पीछे रहने वाली थी, पार्टी ने राहुल गांधी के राजनीतिक करियर पर वार करते हुए कहा कि अध्यादेश को फाड़कर तस्वीरों में छाने की उनकी आकांक्षा के वजह से ही वह हाशिए पर चले गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नेहरू के आदर्शों का अनुसरण करने, एकजुट होकर संगठन को मजबूत बनाने के साथ ही जनता से जुडऩे आह्वान किया ताकि लोगों का विश्वास इस पार्टी पर दोबारा कायम हो जिसे हाल के चुनावों में कई झटके मिले हैं। राहुल गांधी ने राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा सरकार पर हिंदी थोपने की कोशिशों की आलोचना की। उन्होंने नेहरू को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 1947 में ही कहा था कि वह दुनिया को एकजुट करने के लिए अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, 'जो लोग क्रोध के आधार पर देश चला रहे हैं वह कहते हैं कि अंग्रेजी की जगह पर हिंदी का इस्तेमाल होना चाहिए। अगर आजादी के बाद ऐसा किया गया होता तो हमारे युवा आईआईटी, आईआईएम और विदेशी मुल्कों में जाने में सक्षम नहीं हो पाते।' हाल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। इस चुनाव का नेतृत्व करने वाले राहुल गांधी ने यह स्वीकार किया कि पार्टी ने गलतियां की हैं। उन्होंने कहा, 'हमने गलतियां की हैं लेकिन हमारी विचारधारा में कोई कमी नहीं है।' कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि कांग्रेस का इतिहास 129 साल पुराना है, इसे पहले भी ऐसे संकट का सामना करना पड़ा है और यह हर बार चुनौतियों से उबरी है। उन्होंने कहा, 'इस अवधि के दौरान हर तरह की कठिनाइयां आई, लेकिन हमने उसे सहा। हमने अनेक तूफानों का सामना किया और हर संकट ने हमें नई ताकत दी। यह सब इसलिए क्योंकि हमने अपने नेताओं से सीखा है कि चुनौतियों का मुकाबला कैसे करना है। सोनिया गांधी ने परोक्ष रूप से मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नेहरू में जनता का अपार विश्वास था लेकिन इसके बावजूद वह देश को एक ऐसे राह पर ले गए जहां किसी व्यक्ति से ज्यादा संस्थानों को महत्त्व दिया गया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पूरा विश्व देश के सार्वजनिक जीवन में नेहरू के अतुलनीय स्थान से वाकिफ है। सोनिया ने राष्ट्र निर्माण में नेहरू के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना की, जिसके बिना आज का मंगल मिशन संभव नहीं था। सोनिया ने कहा, 'नेहरू जिस तरह से भारत को देखा करते थे उनकी दृष्टि को नष्ट करने का व्यापक प्रयास जारी है। जो ताकतें ऐसा कर रही हैं वे न सिर्फ उनके व्यक्तित्व को बल्कि उनकी विचारधारा, उनकी दृष्टि और उनके जीवनभर के योगदान एवं संघर्ष को निशाना बना रही हैं।' लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद करीब छह महीने से सत्ता से बाहर कांग्रेस, जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती के सहारे सभी गैर राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) दलों को एक मंच पर इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने 17 और 18 नवंबर को एक अंतरराष्ट्रीय समारोह आयोजित किया है जिसके लिए उसने मोदी को आमंत्रित नहीं किया है। सोनिया ने व्यक्तिगत रूप से नीतीश कुमार और ममता बनर्जी सहित कई अन्य नेताओं को निमंत्रण भेजे हैं। अक्सर नफरत की राजनीति बनाम प्यार की राजनीति की बात करने वाले राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था का मुकाबला सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वच्छता अभियान को लेकर मोदी पर कटाक्ष किया और कहा कि इस अभियान के नाम पर फोटो खिंचवाए जा रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'इन दिनों प्यार और भाईचारे की बुनियाद को खत्म किया जा रहा है। एक तरफ घरों की रंगाई हो रही है और सड़कों को साफ किया जा रहा है। फोटो खिंचवाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, जहर फैलाया जा रहा है। बुनियाद को ही कमजोर किया जा रहा है।' सरकार के स्वच्छता अभियान पर कांग्रेस का कटाक्ष सरकार की उस योजना की पृष्ठभूमि में है, जिसमें सरकार ने नेहरू की 125वीं जयंती को बाल स्वच्छता वर्ष के रूप में मनाने की योजना बनाई है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, 'बड़े-बड़े वादे किए गए और दावा किया गया था कि यह होगा और वह होगा। लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह कांग्रेस पार्टी ही है जो एक बार फिर देश का नेतृत्व करेगी।' गुरुवार का यह कार्यक्रम नेहरू की जयंती के अवसर पर कांग्रेस पार्टी द्वारा देशभर में सालभर तक आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत है। इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
