विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया है और उन्होंने इस बारे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को जानकारी भी दे दी है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, BCCI के शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें इस फैसले पर दोबारा सोचने को कहा है, क्योंकि इंग्लैंड दौरा जल्द ही शुरू होने वाला है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, “विराट ने अपने फैसले के बारे में बोर्ड को बता दिया है। उन्होंने कहा है कि वह टेस्ट क्रिकेट से आगे बढ़ना चाहते हैं। बोर्ड ने उन्हें अनुरोध किया है कि वह अपने फैसले पर फिर से विचार करें। फिलहाल उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।”
कोहली का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब रोहित शर्मा भी हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में भारत की टेस्ट टीम में अनुभव और नेतृत्व दोनों की कमी महसूस की जा सकती है। इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए टीम चयन जल्द होना है और ऐसे में कोहली का अंतिम निर्णय बेहद अहम हो सकता है।
पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली कथित तौर पर इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने पहले टेस्ट में शतक लगाया था, लेकिन बाकी सीरीज में उनका प्रदर्शन कमजोर रहा। कोहली ने पांच टेस्ट मैचों में सिर्फ 23.75 की औसत से रन बनाए और आठ में से सात बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर आउट हुए।
टीम कॉम्बिनेशन पर असर
अगर कोहली संन्यास की घोषणा करते हैं, तो इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया की मिडिल ऑर्डर अपेक्षाकृत अनुभवहीन हो सकती है। ओपनिंग में केएल राहुल, शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के खेलने की उम्मीद है, जबकि निचले क्रम में ऋषभ पंत मौजूद होंगे। लेकिन रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी टीम को खलेगी।
इन दोनों दिग्गजों ने पिछले करीब 11 वर्षों में टेस्ट टीम का नेतृत्व किया है—कोहली ने दिसंबर 2014 से और रोहित ने फरवरी 2022 से कप्तानी की। अब दोनों के हटने के बाद चयनकर्ता किसी युवा खिलाड़ी को कमान सौंप सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुभमन गिल इस रेस में सबसे आगे हैं।
इस साल की शुरुआत में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के एक कार्यक्रम में कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर अपनी सोच साझा की थी। उन्होंने कहा था, “शायद मेरे पास चार साल बाद फिर से ऑस्ट्रेलिया दौरे का मौका नहीं होगा।” उन्होंने मानसिक दबाव की बात भी स्वीकार की थी, “जब आप बाहरी निराशा को अपने अंदर ले आते हैं, तो खुद पर बोझ डालने लगते हैं।”