दुनिया के पांचवें सबसे बड़े वाहन बाजार भारत में चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वाहनों की बिक्री कई साल के निचले स्तर पर रही। महामारी के कारण आपूर्ति और मांग प्रभावित होने की वजह से वाहनों की बिक्री पर असर पड़ा है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम ने आज कहा कि कच्चे माल की लागत में निरंतर तेजी के साथ ही सुरक्षा एवं उत्सर्जन नियमों के कारण वाहनों के दाम भी बढ़ाने पड़े हैं, जिसके कारण प्रवेश स्तर के वाहनों की बिक्री पर मार पड़ी है। सायम ने कहा कि चालू तिमाही अपेक्षाकृत बेहतर रहने की उम्मीद है, लेकिन महामारी को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए उसने कोई अनुमान जाहिर करना बंद कर दिया है।
दिसंबर में सभी श्रेणी के वाहन डीलरों के पास बिक्री या आपूर्ति घटकर 12,53,604 वाहनों की रही, जबकि पिछले साल इस दौरान 14,03,391 वाहनों की आपूर्ति या बिक्री की गई थी। दिसंबर 2019 में 13,26,594 वाहनों की बिक्री हुई थी। दिसंबर 2021 में वाहनों उद्योग के कमजोर प्रदर्शन की वजह से सभी श्रेणियों में दिसंबर तिमाही के दौरान सालाना चक्रवृद्घि दर (सीएजीआर) ऋणात्मक हो गई। 2017 की दिसंबर तिमाही से लेकर 2021 की दिसंबर तिमाही तक यात्री वाहनों की सीएजीआर में 0.47 फीसदी की गिरावट आई है। तिपहिया की बात करें तो इसमें 16.19 फीसदी की गिरावट आई है और दोपहिया वाहनों में यह गिरावट 6 फीसदी रही।
सायम के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही ज्यादातर वाहन श्रेणियों में उम्मीद के अनुरूप नहीं रही। त्योहारी मौसम भी पिछले वर्षों की तुलना में कमजोर रहा। महामारी की दूसरी लहर के ठीक बाद मांग में तेजी आई थी। लेकिन उद्योग को सेमीकंडक्टर की किल्लत से जूझना पड़ा। नियमन तथा कच्चे माल के दाम में तेजी की वजह से प्रवेश स्तर के ग्राहकों के लिए वाहनों की लागत काफी बढ़ गई है।’
आयुकावा ने कहा कि इसकी वजह से तीसरी तिमाही में यात्री वाहनों की बिक्री पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई, वहीं दोपहिया की बिक्री 9 साल के निचले स्तर पर और वाणिज्यिक वाहनों (2020 को छोड़कर) की बिक्री 5 साल के निचले स्तर और तिपहिया की बिक्री 13 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई।
महामारी के अलावा महंगे कच्चे माल के कारण विनिर्माताओं द्वारा वाहनों के दाम बढ़ाए जाने से वाहन स्वामित्व की लागत बढ़ गई, जिसका सीधा असर प्रवेश स्तर के वाहनों की आयुकावा ने कहा कि बिक्री पर दिखा। उद्योग एक साल से भी ज्यादा समय से आपूर्ति पक्ष की समस्या से जूझ रहा है। सेमीकंडक्टर की किल्लत अभी बनी रह सकती है क्योंकि सेमीकंडक्टर इकाइयों में नया निवेश होने में अभी समय लगेगा। उन्होंने चिंता जताई कि कुछ वाहन श्रेणियों खास तौर पर दोपहिया वाहनों का स्टॉक बहुत अधिक हो गया है।
सबसे ज्यादा प्रभावित हुए तिपहिया वाहनों की मांग में धीरे-धीरे सुधार दिख रहा था मगर तीसरी लहर के कारण इसकी बिक्री पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि महामारी की मौजूदा लहर के बाद स्थिति में बदलाव होगा और उद्योग में सुधार आने में थोड़ा वक्त लगेगा।
आयुकावा के अनुसार चालू तिमाही में वाहनों की बिक्री थोड़ी बेहतर रहने की उम्मीद है लेकिन आंकड़े इस बात पर निर्भर करेंगे कि महामारी कितनी फैलती है। उन्होंने वाहन बिक्री का कोई अनुमान लगाने से परहेज किया।
क्रिसिल रिसर्च में निदेशक हेमल ठक्कर ने कहा कि सायम के आंकड़ों से पता चलता है कि कार डीलरों के पास काफी कम स्टॉक है और मांग आपूर्ति से ज्यादा है। दोपहिया के मामले में मांग कम रहने से डीलरों के पास स्टॉक अधिक है।
