facebookmetapixel
Delhi Red Fort Blast: लाल किला धमाके से पुरानी दिल्ली के बाजारों में सन्नाटा, कारोबार ठपअक्टूबर में SIP निवेश ₹29,529 करोड़ के ऑलटाइम हाई पर, क्या है एक्सपर्ट का नजरियाहाई से 43% नीचे गिर गया टाटा ग्रुप का मल्टीबैगर शेयर, क्या अब निवेश करने पर होगा फायदा?Eternal और Swiggy के शेयरों में गिरावट! क्या अब खरीदने का सही वक्त है या खतरे की घंटी?अक्टूबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश 19% घटकर ₹24,690 करोड़, SIP ऑलटाइम हाई परDelhi Pollution: AQI 425 के पार, बढ़ते प्रदूषण के बीच 5वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड मेंअमेरिका-चीन की रफ्तार हुई धीमी, भारत ने पकड़ी सबसे तेज ग्रोथ की लाइन: UBS रिपोर्टगिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तारवर्क प्लेस को नया आकार दे रहे हैं कॉरपोरेट, एआई का भी खूब कर रहे हैं उपयोगEmami Stock: 76% तक गिर गई टैल्क सेल्स… फिर भी ‘BUY’ कह रहे हैं एक्सपर्ट्स! जानें क्यों

देश में पुरानी कारों का बाजार पकड़ रहा रफ्तार

Last Updated- December 11, 2022 | 10:35 PM IST

डिजिटल की राह चलते हुए पुरानी कारों का बाजार 11 प्रतिशत की बढिय़ा सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) के साथ विकसित होने वाला है, जिसमें वित्त वर्ष 26 तक लगभग 83 लाख इकाइयों तक की बिक्री नजर आ रही है। परामर्श फर्म रेडसीर ने यह जानकारी दी है।
इस खंड में सबसे लंबे समय तक नई कारों के खरीदारों का आधिपत्य रहा है, हालांकि, वैश्विक महामारी की वजह से अधिक लोग पुरानी कारों का चयन कर रहे हैं, क्योंकि वे निजी तौर पर आवागमन पसंद कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है इसने पुरानी कारों के बाजार में उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है।
देश में पुरानी कारों के बाजार में उथल-पुथल दिखाई दे रही है। लेकिन पुरानी कारों के बाजार में इस निरंतर वृद्धि का परिचालन किस से हो रहा है? डेटा मुद्रीकरण, इन-व्हीकल कनेक्टिविटी, ग्राहक सदस्यता, किराया, चार्जिंग और लंबी अवधि के रखरखाव पैकेज का इस लाभ में बड़ा हिस्सा रहने की उम्मीद है। युवा जनसांख्यिकीय के बीच कार स्वामित्व की कम अवधि भी देखी गई है और पुरानी कारों के खंड में वृद्धि का इसका महत्त्वपूर्ण योगदान है।
अन्य कारक जैसे बीएस-4 से बीएस-6 की ओर जाना तथा नई कारों की तुलना में पुरानी कारों की खरीद पर जीएसटी दरों में अंतर होना पुरानी कारों को बढ़ावा देने वाले कुछ संचालक हैं। जहां तक ​​भारत के कार बाजार का सवाल है, तो यह खंड दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा है।
जेएम फाइनैंशियल की एक रिपोर्ट के अनुसार अगले पांच साल के दौरान पुरानी कारों का बाजार दोगुने से भी अधिक होकर 82 लाख इकाई या मूल्य के लिहाज से 47 अरब डॉलर का होने वाला है, जो मार्च में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में 40 लाख इकाई या 17 अरब डॉलर का था। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक नई कार के मुकाबले दो पुरानी कारों की बिक्री की जाएगी।
पुरानी कारों के इस बाजार में अब तक 30,000 डीलर शामिल हैं, जो इसे बेहद विखंडित स्थान बना देते हैं। मौजूदा डीलरों में से करीब 45 फीसदी कमीशन एजेंट या ब्रोकर हैं। उनमें से अधिकांश के पास कारोबार का कोई भौतिक स्थान नहीं है और परिचालन असंगठित तौर पर होता है। असंगठित डीलरों की उत्पादकता कम होती है, क्योंकि उन्हें असंगठित ब्रोकरों या सी2सी (ग्राहक से ग्राहक तक) वाले लेनदेन की ओर से मूल्य-आधारित प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।
इस तथ्य के बावजूद कि पुरानी कारों के बाजार की अपनी चुनौतियां होती हैं, डिजिटल क्षेत्र उन्हें हल करने के लिए भूमिका निभा रहा है। प्रमुख भागीदार डिजिटल की सर्वोत्तम कार्यप्रणाली अपना रहे हैं और उन्हें अपने डीलरशिप प्रारूप में प्रभावी तौर पर शामिल कर रहे हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि नई कारों की अधिकांश डीलरशिप अब ओईएम ऑनलाइन नेटवर्क के माध्यम से ऑनलाइन जुड़ी हुई हैं और लक्षित राहों (ओईएम और वाहन पोर्टल के जरिये) लाभान्वित हो रही हैं।
पुराने वाहन कारोबार के लिए श्रीराम ऑटो मॉल संग अशोक लीलैंड का करार हिंदुजा समूह की वाणिज्यिक वाहन इकाई अशोक लीलैंड ने सोमवार को पुराने वाहनों के कारोबार में उतरने का ऐलान किया और इस बाबत कंपनी ने श्रीराम ऑटो मॉल इंडिया लिमिटेड संग करार किया है, जो पुराने वाहनोंं व उपकरणों के विक्रेताओं व खरीदारों के लिए अग्रणी मार्केटप्लेस है। पुराने वाहनों के लिए ये कंपनियां एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगी।

First Published - December 27, 2021 | 11:13 PM IST

संबंधित पोस्ट