facebookmetapixel
Gold Outlook: क्या अभी और सस्ता होगा सोना? अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़ों पर रहेंगी नजरेंSIP 15×15×15 Strategy: ₹15,000 मंथली निवेश से 15 साल में बनाएं ₹1 करोड़ का फंडSBI Scheme: बस ₹250 में शुरू करें निवेश, 30 साल में बन जाएंगे ‘लखपति’! जानें स्कीम की डीटेलDividend Stocks: 80% का डिविडेंड! Q2 में जबरदस्त कमाई के बाद सरकारी कंपनी का तोहफा, रिकॉर्ड डेट फिक्सUpcoming NFO: अगले हफ्ते होगी एनएफओ की बारिश, 7 नए फंड लॉन्च को तैयार; ₹500 से निवेश शुरूDividend Stocks: 200% का तगड़ा डिविडेंड! ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनी का बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट फिक्सUpcoming IPOs This Week: निवेशक पैसा रखें तैयार! इस हफ्ते IPO की लिस्ट लंबी, बनेगा बड़ा मौकाInCred Holdings IPO: इनक्रेड होल्डिंग्स ने आईपीओ के लिए आवेदन किया, ₹3,000-4,000 करोड़ जुटाने की योजनात्योहारी सीजन में EV की टक्कर! ₹16 लाख की VinFast ने ₹60 लाख वाली Tesla को छोड़ा पीछेEarthquake Today: अंडमान में धरती डोली! 5.4 तीव्रता के झटकों से दहशत

दिवाली पर भी जगमगा नहीं सका दोपहिया बाजार

Last Updated- December 08, 2022 | 2:00 AM IST

मंदी और ऊंची ब्याज दर के कारण इस बार की दिवाली मोटरसाइकिल विक्रेताओं के लिए अमावस की रात ही रही।


मोटरसाइकिलों की बिक्री में आई कमी के कारण दिवाली की जगमग भी उनके कारोबार को रोशन नहीं कर पाई। पिछली दिवाली के मुकाबले इस बार दिल्ली, मुंबई और पुणे में हुई मोटरसाइकिलों की बिक्री में 30-50 फीसदी की गिरावट आई है।

डीलर इसी दौरान साल भर में होने वाली कुल बिक्री की 13-15 फीसदी बिक्री करते हैं। खास तौर पर उत्तर और पूर्व के राज्यों में दीवाली पर वाहन खरीदना काफी शुभ माना जाता है। जबकि दक्षिण भारत में पोंगल के दौरान खरीदारी करना शुभ माना जाता है।

नई दिल्ली में गणपति ऑटो डील के मालिक संदीप गुप्ता ने कहा, ‘पिछले साल जहां हमने दीवाली के समय 140 मोटरसाइकिलें बेची थीं, वहीं इस साल हम सिर्फ 65 मोटरसाइकिलें ही बेच पाए हैं। इसमें से दिवाली वाले दिन ही 20 मोटरसाइकिलों की बिक्री हुई थी।’

ब्याज ने मारा

कुछ ऐसी ही कहानी मुंबई के सायन में व्हील्ज ऑटोमेटिव के इमरान खान भी बताते हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल 35 फीसदी कम बिक्री हुई है। डीलर बाजार में तरलता की कमी को बिक्री में गिरावट के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।

जितने भी डीलरों से बिजनेस स्टैंडर्ड ने बातचीत की उनका यही कहना था कि मोटरसाइकिलों की खरीद ज्यादातर नगद भुगतान के जरिए ही होती थी। विश्लेषकों के मुताबिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में आने वाली कमी का सबसे बड़ा कारण है आईसीआईसीआई, सिटीबैंक और बाकी गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों का इस क्षेत्र को ऋण मुहैया कराने से पीछे हट जाना।

दरअसल, डिफॉल्टरों की बढ़ती संख्या के कारण वित्तीय संस्थानों को ऐसा करना पड़ा। फिलहाल दोपहिया वाहनों के लिए ऋण लेने पर 18-22 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना पड़ता है। यह दोपहिया वाहनों के लिए अभी तक की सबसे ऊंची ब्याज दर है।

हो रहा इंतजार

काइनेटिक मोटर्स के उपाध्यक्ष (सेल्स और मार्केटिंग) राहुल भटनागर ने बताया, ‘फाइनैंस मुहैया कराने वाली कंपनियों के पीछे हटने के कारण लोग भी अब दोपहिया वाहनों की खरीद ब्याज दर के कम होने तक टाल रहे हैं। ग्राहक इस समय इंतजार और देखो की रणनीति अपना रहे हैं।’

दोपहिया वाहनों के डीलरों के मुताबिक बाजार में आई गिरावट भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। मुंबई के एक डीलर ने बताया, ‘स्टॉक बाजार में 50 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आई हुई है। लोगों के पास खर्च करने के लिए रकम नहीं है। इसीलिए मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट आई है।

नवंबर से दिसंबर के दौरान इस उद्योग में ऐसे ही बिक्री का सूखा रहता है। इसीलिए अब सभी दोपहिया वाहन कंपनियां बिक्री बढ़ाने के लिए ग्रामीण बाजारों पर नजर गढ़ा रही हैं। टीवीएस मोटर कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एच एस गोइंडी ने बताया, ‘कटाई का सीजन अभी शुरू हुआ है। इसीलिए हमारा ध्यान इस बाजार पर भी है।’

First Published - October 30, 2008 | 10:43 PM IST

संबंधित पोस्ट