पिछले महीनों के रुझान को जारी रखते हुए अप्रैल में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई जिसे पिछले साल के कम आधार, अटकी हुई मांग और आर्थिक गतिविधियों से बल मिला।
वाहन कंपनियोंं की ओर से जारी मासिक बिक्री आंकड़ों के अनुसार, वाणिज्यक वाहन बनाने वाली शीर्ष पांच कंपनियों- टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, वॉल्वो आयशर और मारुति सुजूकी- का एकीकृत डिस्पैच अप्रैल में 64.4 फीसदी बढ़कर 65,540 हो गया।
हालांकि विभिन्न श्रेणियों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई लेकिन छोटे वाणिज्यिक वाहन श्रेणी की बिक्री में उल्लेखनीय तेजी आई। इन वाहनों का उपयोग दूरदराज के क्षेत्रों तक माल ढुलाई के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा किया जाता है। कम आधार, महामारी से बुरी तरह प्रभावित बस श्रेणी में सुधार से भी वृद्धि को रफ्तार मिली। उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स के छोटे वाणिज्यिक वाहनों एवं पिकअप की डिलिवरी बढ़कर 14,711 वाहन हो गई जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 6,930 वाहनों का रहा था। दूसरों में भी इसी तरह का रुझान दिखा।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च के विश्लेषक शशांक कनोडिय़ा ने एक हालिया रिपोर्ट में लिखा है कि बुनियादी ढांचे (सार्वजनिक क्षेत्र के पूंजीगत व्यय) सरकार का जोर, निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय चक्र में सुधार और दमदार ऑर्डर बुक के साथ हम उम्मीद करते हैं कि विशेष तौर पर यात्री वाहन और वाणिज्यिक वाहन श्रेणी की मात्रात्मक बिक्री में आगे दमदार वृद्धि दिखेगी। हालांकि र्ईंधन एवं जिंस की कीमतों में तेजी और सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कमी जैसी निकट अवधि की चुनौतियों पर नजर रखने की जरूरत है।