निजी इक्विटी (पीई) फंड मजबूत प्रौद्योगिकी और सॉफ्टवेयर आधार वाली घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनियों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसका अंदाजा टाटा मोटर्स द्वारा किए गए ताजा सौदे से लगाया जा सकता है, जिसमें एक नई सहायक इकाई बनाने के लिए पीई फर्म टीपीजी और अबू धाबी एडीक्यू से 7,500 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जिससे मूल्यांकन में तेजी आएगी। यह सहायक इकाई ईवी का निर्माण करेगी।
सूत्रों का कहना है कि इसी तरह ओला इलेक्ट्रिक 20 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटा रही है, जिससे उसका मूल्यांकन बढ़कर 5 अरब डॉलर हो जाएगा। मौजूदा समय में कंपनी का मूल्यांकन 3 अरब डॉलर पर है।
ओला इलेक्ट्रिक के मूल्यांकन में बड़ी तेजी कई अन्य ईवी स्टार्टअपों से अलग है, जिन्होंने पहले परिचालन शुरू किया। मूल्यांकन पर नजर रखने वाली ट्रैक्सन के अनुसार, एथर एनर्जी (जिसमें हीरो मोटोकॉर्प की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी है) का मूल्यांकन नवंबर 2020 में 19.9 करोड़ डॉलर पर था। हालांकि मौजूदा मूल्यांकन के संबंध में एथर को भेजे गए सवाल का जवाब नहीं मिला है।
मौजूदा समय में सबसे बड़ी ईवी दोपहिया कंपनी दिल्ली की हीरो इलेक्ट्रिक का मूल्यांकन 15.7 करोड़ डॉलर (जून 2021 तक) पर है।
पीई कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के आगामी विकास पर दांव लगा रही हैं, यही वजह है कि वे पारंपरिक वाहन कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के विपरीत बड़े मूल्यांकन पर जोर दे रही हैं, भले ही पारंपरिक वाहन कंपनियों का व्यवसाय मजबूत है, वे अच्छे नकदी आरक्षण और मुनाफे की स्थिति में हैं।
उदाहरण के लिए, बजाज ऑटो का बाजार पूंजीकरण 1.15 लाख करोड़ रुपये है, जो ओला इलेक्ट्रिक के मूल्यांकन के मुकाबले तीन गुना है। मुनाफे में रहने वाली वह देश में दूसरी सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी, और दोपहिया निर्यात के संदर्भ में सबसे बड़ी कंपनी है।
टाटा मोटर्स द्वारा घोषणा किए जाने के एक दिन बाद, कंपनी का शेयर 21 प्रतिशत तक चढ़ गया था और यह 509.70 रुपये पर पहुंच गया। इससे उसका बाजार पूंजीकरण बढ़कर 1.80 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिससे ईवी पर दांव के संबंध में निवेश के उत्साह का स्पष्ट पता चलता है। टाटा मोटर्स की ईवी सहायक इकाई (जिसमें पीई फंड निवेश कर रहे हैं) की वैल्यू पैतृक कंपनी के बाजार पूंजीकरण के एक-तिहाई के आसपास है।
एक वाहन कंपनी के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी और शीर्ष ईवी कंपनियों को परामर्श सेवा मुहैया करा चुके अधिकारी ने कहा, ‘निवेशक सिर्फ उन ईवी कंपनियों के लिए ऊंचे मूल्यांकन पर ध्यान दे रहे हैं जो प्रौद्योगिकी के लिहाज से मजबूत हैं, खासकर सॉफ्टवेयर में, और भागीदारों के साथ या स्वयं इन्हें बनाने की क्षमता रखती हों। ईवी में सॉफ्टवेयर के ज्यादा कम्पोनेंट होते हैं, जो वाहन के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए, दक्षता ईसीई-संचालित वाहन निर्माण से काफी अलग है।’
उनका कहना है कि टाटा समूह वाहनों के निर्माण के लिए सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए टीसीएस, टाटा टेक्नोलॉजी और टाटा एलेक्सी जैसी समूह कंपनियों का इस्तेमाल कर रहा है। टाटा टेक्नोलॉजी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि हम इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते, लेकिन हम कई ऑटोमोटिव वाहन कार्यक्रमों में टाटा मोटर्स और जेएलआर के साथ काम कर रहे हैं, उन्हें प्रतिस्पर्धी उत्पाद निर्माण में मदद के लिए अपने अनुभव का लाभ उठा रहे हैं।’
ओला इलेक्ट्रिक ने भी घरेलू तौर पर इलेक्ट्रिक बैटरी, मोटर और कंट्रोलर बनाए हैं, और उसकी आरऐंडटी टीम द्वारा डिस्पले, कनेक्टिविटी और कंप्यूटिंग सॉफ्टवेयर भी विकसित किए गए हैं। उसने स्कूटर निर्माण से संबंधित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के लिए हार्डवेयर मुहैया कराने के लिए क्वालकॉम जैसी प्रमुख चिप डिजाइन निर्माताओं के साथ भागीदारी की है। टाटा समूह अगले पांच साल में 10 इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने की योजना पहले ही बना चुका है और वह टाटा पावर के साथ मिलकर चार्जिंग स्टेशन लगा रहा है।