Paris Olympics: भारत के एथलीट दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन ओलिंपिक के लिए अगले महीने जब पेरिस पहुंचेंगे तो उन्हें गर्मी से बचाने के लिए जियोथर्मल एनर्जी वाले अपार्टमेंट में ठहराया जाएगा। साथ ही स्पर्द्धा के बाद थकान उतारने के लिए पहली बार खिलाड़ियों को अत्याधुनिक परिसर भी मिलेगा।
भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से शुरू हो रहे ओलिंपिक खेलों से पहले आयोजकों से खास अनुरोध किया है: ‘ध्यान रखिए कि सभी कमरों में पंखे जरूर लगे हों।’ उनकी इस दरख्वास्त की वजह फ्रांस की गरमी है, जिसने वहां के निवासियों को परेशान कर रखा है। वहां अपने खिलाड़ियों को ठंडा रखने के लिए यह भारत का अनोखा तरीका है। मगर पेरिस में पर्यावरण संरक्षण के अभियान और प्रयासों के भी यह एकदम अनुकूल है।
आईओए के मुख्य कार्याधिकारी रघुराम अय्यर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘अगर ओलिंपिक पर्यावरण बचाने की बात कर रहा है तो भारत उससे उलटा क्यों चले? आयोजक कह रहे हैं कि पेरिस खेलों में पर्यावरण का सबसे ज्यादा ध्चना रखा जाएगा और वे एयर कंडीशनरों का इस्तेमाल नहीं करने की पैरवी कर रहे हैं। हमें लगता है कि हमारे एथलीट काफी सहनशील हैं मगर हम सभी जरूरी एहतियात बरत रहे हैं।’
भारत इस मामले में अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की ओलिंपिक टीमों से एकदम उलट है। इन सभी देशों के एथलीट अपने साथ पोर्टेबल एयर कंडीशनर ला रहे हैं।
जुलाई और अगस्त में फ्रांस बहुत गर्म होता है और खेल रत्न से सम्मानित ओलिंपियन तथा लंबी कूल की खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज इसकी तसदीक करती हैं। अंजू ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘मैं 2003 में पेरिस गई थी, जब भारत ने एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला पदक जीता था। वह फ्रांस के इतिहास का सबसे गर्म साल था।’
पेरिस में इस साल 1 अगस्त को औसत अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है, जो भारत की गर्मियों से बहुत कम है। फिर भी पेरिस ओलिंपिक के आयोजक कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।
अय्यर ने बताया, ‘वे फ्लैटों के फर्श के नीचे कूलिंग पाइप लगा रहे हैं, जिससे सभी एथलीटों के लिए तापमान कम रखा जा सकेगा।’ ये पाइप कंक्रीट के फर्श में जड़ दिए गए हैं। जियोथर्मल प्रणाली इनमें ठंडा पानी भेजेगी, जिसके जरिये फर्श और फ्लैट का तापमान कम हो जाएगा।
खेल गांव को फ्रांस में सेन नदी के किनारे बनाया गया है ताकि कमरों में हवा आ-जा सके। पास में 500 पेड़ लगाकर हरियाली भी बढ़ाई गई है। यहां दुनिया भर से पहुंचे 15,000 से अधिक एथलीट, अधिकारी और पत्रकार रहेंगे। दो हफ्ते तक चलने वाले खेल 10 अगस्त को संपन्न होंगे।
भारतीय एथलीटों को स्पर्द्धा के बाद थकान उतारने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एक कमरा भी मिलेगा। सभी देशों की टीमों के लिए इस तरह के कमरे बनवाए गए हैं और एक बड़ा कमरा भी है, जिसका इस्तेमाल कोई भी एथलीट कर सकेगा। भारतीय टीम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी दिनशॉ परदीवाला के नेतृत्व में डॉक्टरों, पोषण विशेषज्ञों और नींद दिलाने में मदद करने वालों (स्लीप थेरेपिस्ट) की एक टीम चौबीसों घंटे काम करेगी ताकि भारतीय एथलीट चैन से सो सकें और स्पर्द्धाओं में पूरे दमखम के साथ मुकाबला कर सकें।
अय्यर ने कहा, ‘हमें खेल गांव में 600 वर्ग फुट का रिकवरी रूम दिया जा रहा है। उसमें इन्फ्लेटेबल बाथ, नॉर्मेटेक आर्म्स (थकान से राहत दिलाने के लिए बांहों की माशिल करने वाले खोल), मसाज टेबल और योग मैट होंगे। और भी काफी सामान होगा।’ 2021 टोक्यो ओलिंपिक के दौरान रिकवरी रूम में केवल मसाज टेबल और फ्रिज थे।
आईओए गर्मी बढ़ने पर अपने एथलीटों को ठंडक देने वाले तकिये भी मुहैया करा सकता है। ये तकिये गर्मी सोख लेते हैं, जिससे रात में पसीना नहीं आता। ये जिस कपड़े से बने होते हैं, वह तापमान को 5 डिग्री सेल्सियस तक कम कर देता है। इससे आप ज्यादा आराम से सो सकते हैं। अय्यर ने कहा कि इस बारे में चिकित्सा टीम से मशविरा किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार यूरोप में 10 में से बमुश्किल 1 परिवार ही होगा, जिसके पास एयर कंडीशनर है। यूरोप में ज्यादातर घरों में पंखे तक नहीं दिखते हैं।