देश में क्रिकेट का सबसे बड़ा आयोजन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) शुरू होने में तीन दिन रह गए हैं। उससे पहले विज्ञापन से मिलने वाली कमाई का मोटा हिस्सा झटकने के लिए डिज्नी-स्टार और वायकॉम 18 के बीच जंग तेज हो गई है। IPL के मैचों का डिजिटल प्रसारण अधिकार जीतने के बाद वायकॉम कुछ समय से सुस्त पड़े 4,500 करोड़ रुपये के विज्ञापन कारोबार में पहली बार शामिल हुई है। IPL के टेलिविजन प्रसारण अधिकार इस बार भी डिज्नी-स्टार के ही पास हैं।
मामले से वाकिफ सूत्रों का कहना है कि डिज्नी-स्टार 11 प्रमुख प्रायोजकों और 60 से अधिक विज्ञापनदाताओं के साथ बातचीत कर चुकी है। कंपनी ने जिनके साथ सौदे किए हैं उनमें कोक, पेप्सिको, एयरटेल, टाटा ग्रुप, एशियन पेंट्स, ड्रीम्ज 11, वीवो जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। अन्य कंपनियों के साथ भी उसकी बातचीत चल रही है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी को विज्ञापन के जरिये 2,000 से 2,400 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।
वायकॉम भी कमाई का यह मौका अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती है और डिज्नी-स्टार को टक्कर देने के लिए तैयार है। सूत्रों की मानें तो कंपनी ने देश भर में 700-750 विज्ञापनदाताओं से समझौते किए हैं। इसने विज्ञापन झटकने के लिए गूगल और अमेरिका की तकनीकी स्टार्टअप इकाई मोलोको के साथ भी समझौता किया है। वायकॉम के पास विज्ञापन दिखाने की बहुत जगह और मौका है, जिसका फायदा उसे मिलेगा। इसके उलट टेलिविजन पर विज्ञापन दिखाने की संभावनाएं सीमित रहती हैं।
मीडिया रणनीतिकारों का कहना है कि विज्ञापन बाजार मुश्किल में है, इसलिए पिछले IPL के बराबर कमाई की सोची भी नहीं जा सकती। मगर वायकॉम को रिलायंस समूह के निवेश का लाभ मिल सकता है। रिलायंस ने हाल में 5जी सेवाएं बढ़ाने और देश भर में FMCG उत्पाद शुरू करने पर 100-150 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मीडिया रणनीतिकारों का यह भी कहना है कि टाटा, पेप्सी और कोक डिजिटल तथा टीवी दोनों पर विज्ञापन के लिए समय खरीद रहे हैं। मगर पिछले IPL में बड़ा पैसा लगाने वाली बैजूस जैसी बड़ी कंपनियां इस बार आगे नहीं आ रही हैं।
मीडिया रणनीतिकारों को उम्मीद है कि वायकॉम 18 विज्ञापन से 2,000 करोड़ रुपये कमा सकती है और कुल राजस्व में 60 फीसदी तक हिस्सा उसके पास आ सकता है। कंपनी ने 70 फीसदी राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी इस आंकड़े तक पहुंच गई तो यह विज्ञापन से मिलने वाली रकम का हिसाब बहुत बदल जाएगा। अभी तक 70 से 80 फीसदी रकम टीवी को और बाकी डिजिटल प्लेटफॉर्मों को मिलती आई है। इसकी वजह यह है कि डिज्नी स्टार ने अपने ओटीटी प्लेटफार्म के ग्राहकों को ही IPL दिखाती थी। मगर वायकॉम ने यह पूरी तरह मुफ्त बना दिया है।
हांगकांग की रिसर्च एजेंसी मीडिया पार्टनर एशिया (MPA) के अनुसार विज्ञापन राजस्व में टीवी और डिजिटल की कुल हिस्सेदारी 4,115 से 4900 करोड़ रुपये के बीच रह सकती है । मगर एजेंसी का कहना है कि इस बार डिजिटल की तरफ ज्यादा झुकाव होगा।
MPA का कहना है कि रिलायंस सिनेमा विज्ञापन बेचकर 30 से 33 करोड़ डॉलर यानी करीब 2,400 से 2,700 करोड़ रुपये कमा सकती है। लेकिन डिज्नी-स्टार को विज्ञापन से होने वाली कमाई घटेगी और 1,800 करोड़ रुपये पर ही सिमट जाएगी। पिछले साल उसने करीब 3,600 करोड़ रुपये कमाए थे।
MPA का कहना है कि IPL देखने वालों की संख्या घटने से विज्ञापन जगत का उत्साह कुछ ठंडा पड़ गया है। 2022 में IPL देखने वाले लोगों की संख्या कम होकर 22.9 करोड़ ही रह गई। इससे पहले 2021 में 26.7 को लोगों ने IPL मैचों का आनंद लिया था।