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India vs Pakistan Cricket: अब वो मजा नहीं! एकतरफा मुकाबलों से घटी भारत-पाक मैचों की चमक

रविवार को चैंपियंस ट्रॉफी में भारत से मिली शिकस्त इसका ताजा उदाहरण है। इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर धूल चटा दी।

Last Updated- February 24, 2025 | 10:58 PM IST

पाकिस्तान के पूर्व तेज तर्रार क्रिकेट खिलाड़ी जावेद मियांदाद मानते हैं कि पाकिस्तान में इज्जत (सम्मान, गौरव एवं आदर तीनों) एक ऐसी चीज है जिसे भरपूर तवज्जो दी जाती है। मियांदाद ने 1980 और 1990 के दशक में पाकिस्तान क्रिकेट को नई बुलंदियों तक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

खेल लेखक उस्मान समीउद्दीन ने भी अपनी किताब ‘द अनक्वायट वन्स’  में इज्जत को लेकर पाकिस्तान टीम की ललक का खास तौर पर जिक्र किया है। समीउद्दीन कहते हैं, ‘पाकिस्तान में इज्जत एक ऐसी चीज है जिसे लेकर कोई भी कहीं भी बात करने लगता है और अपनी राय देने से नहीं चूकता है। यह ऐसा ही है जैसे कोई सड़क दुर्घटना होने पर आस-पास के लोग जमा हो जाते हैं या किसी भी सार्वजनिक बहस में लोग अपनी राय देने से बाज नहीं आते हैं।‘

मियांदाद का मानना है कि पाकिस्तान के लोगों के दिलो-दिमाग में जन्म से ही यह बात बैठ जाती है कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की काबिलियत रखता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के टूर्नामेंट में पाकिस्तान जब भी भारत से करारी हार का सामना करता है तो इज्जत और उसकी सोच को करारा झटका लगता है। ये दोनों ही बातें पाकिस्तानियों के दिलो-दिमाग में रची-बसी होती हैं। पिछले दो दशकों से लगभग यही सिलसिला चल रहा है यानी पाकिस्तान भारत को क्रिकेट मुकाबले में नहीं हरा पा रहा है।

रविवार को चैंपियंस ट्रॉफी में भारत से मिली शिकस्त इसका ताजा उदाहरण है। इस मैच में विराट कोहली के नाबाद 100 रन की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर धूल चटा दी। दुबई में पाकिस्तान की हार यह चीख-चीख कर बता रही है कि वह प्रतिभावान खिलाड़ियों के मामले में अपने पड़ोसी देश से कितना फिसल चुका है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच इस एकतरफा मुकाबले में पाकिस्तान की एक और हार ने क्रिकेट प्रेमियों के उत्साह पर भी पानी फेर दिया है। अब तो उनके मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच केवल शोर-शराबे की चीज बन कर रह गई है?

आईसीसी द्वारा आयोजित क्रिकेट मुकाबलों में पाकिस्तान ने केवल दो मौकों पर भारत को शिकस्त दी है। पहला मौका 2017 में लंदन में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में आया था और दूसरा 2021 में दुबई में टी20 वर्ल्ड कप के दौरान दिखा था। इन दिनों भारत और पाकिस्तान की टीमें केवल चुनिंदा मुकाबलों जैसे विश्व कप,चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप में ही एक दूसरे के साथ खेलती हैं। राजनीतिक तनाव के कारण दोनों ही टीमों के बीच द्विपक्षीय मैच और क्रिकेट सीरीज नहीं हो रहे हैं।

टेलीविजन प्रसारकों और विज्ञापनदाताओं को दोनों देशों के बीच यदा-कदा होने वाले मैचों को भुनाने का मौका हाथ लग गया है। वे दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच को लेकर युद्ध जैसी सनसनी पैदा कर देते हैं। वे भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबलों को  ‘अल क्लासिको’ (चिर प्रतिद्वंद्वी बार्सिलोना और रियल मैड्रिड के बीच होने वाले किसी फुटबॉल मैच के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) की तर्ज पर दर्शकों के सामने पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मगर अब हालात पहले जैसे नहीं रह गए हैं। क्रिकेट मैदान पर भारत के दबदबे के बाद दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों को निराशा हाथ लग रही है क्योंकि उन्हें रोमांच देखने को नहीं मिल रहा है।  

साल 1983 में विश्व कप मुकाबला जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के अहम सदस्य रहे मदन लाल का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला इसलिए अब रोचक नहीं रह गया है क्योंकि भारत पाकिस्तान के ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में कामयाब रहा है। लाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पाकिस्तान में नई प्रतिभाएं खोजने का कोई ठोस इंतजाम नहीं रह गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) कुछ समझ नहीं पा रहा है कि वह क्या करे। मतलब इस मामले में हालात बिल्कुल खराब हैं। ‘लाल कहते हैं कि पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी असुरक्षा की भावना से ग्रसित हैं।

वह कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि जब वे भारत के खिलाफ खेलते हैं तो वे सोच नहीं पाते कि किस तरह खेलना है। अगर आप किसी एक टीम से लगातार हारते रहते हैं तो ऐसा होना स्वाभाविक है।‘ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में पाकिस्तान इस समय सबसे निचले पायदान पर है। टीम पिछले तीन एक दिवसीय विश्व कप प्रतियोगिताओं में नॉकआउट चरण में भी नहीं पहुंच पाई है। अब वे इस चैंपियंस ट्रॉफी मुकाबले से बाहर होने के कगार पर पहुंच गए हैं।

पाकिस्तान जहां लगातार फिसल रहा है वहीं भारत लगातार बुलंदियां छू रहा है। भारत ने 2024 में वेस्टइंडीज में टी20 विश्व कप का खिताब जीत लिया और वह सभी आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट राउंड में जगह बनाने में सफल रहा है। केवल 2021 में आयोजित टी2 विश्व कप इसका अपवाद रहा है। प्रसारण अधिकारों के मामले में भारत ने बड़ी हिस्सेदारी झटक ली है और क्रिकेट में नई  प्रतिभाएं खोजने में दुनिया में उसकी कोई सानी नहीं है।

लाल कहते हैं, पाकिस्तान जिस तरह क्रिकेट में फिसल रहा है वह इस बात का संकेत भी है कि वहां कामकाज कैसे चल रहा है। लाहौर में रहने वाले पत्रकार जुल्करनैन ताहिर का कहना है कि मोहसिन नक़वी जब तक पीसीबी प्रमुख पद पर रहेंगे तब तक पाकिस्तान और भारत में क्रिकेट में खाई गहरी ही होती जाएगी। वह कहते हैं, ‘जिन लोगों को क्रिकेट की समझ नहीं है वे क्रिकेट संस्थाओं का नेतृत्व कर रहे हैं।‘

मियांदाद जब पाकिस्तान क्रिकेट का सितारा बुलंद कर रहे थे तब पाकिस्तानी टीम आक्रामक हुआ करती थी जबकि भारत सहमा रहता था। मगर अब स्थिति पूरी तरह पलट गई है। जब अगली बार ये दोनों देश क्रिकेट खेलेंगे तो प्रसारक सनसनी फैलाने से दूर रहे तो बेहतर होगा। जहां तक पाकिस्तान की बात है तो उसके लिए इज्जत पाने की जंग थमने वाली नहीं है।

First Published - February 24, 2025 | 10:51 PM IST

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