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फोर्ड के कर्मियों को लगा झटका

Last Updated- December 12, 2022 | 1:09 AM IST

अब से कुछ महीनों में चेन्नई से 45 किलोमीटर दूर माराईमलाई नगर अपनी एक पहचान खो देगा। वहां फोर्ड इंडिया और बीएमडब्ल्यू इंडिया के विनिर्माण संयंत्र हैं लेकिन फोर्ड इंडिया ने अचानक अपने भारतीय कारखाने को बंद करने की घोषणा की है। गुजरात के अहमदाबाद से करीब 21 किलोमीटर दूर साणंद में उसके कारखाने की स्थिति भी कुछ अलग नहीं दिख रही है। कंपनी ने गुरुवार को भारत में विनिर्माण बंद करने की अचानक घोषणा की जिससे इन दोनों संयंत्रों के कर्मचारी काफी असहाय महसूस कर रहे हैं।
मौजूदा परिस्थिति में फोर्ड के चेन्नई संयंत्र के कामगारों को अब केवल राज्य सरकार का सहारा दिख रहा है जिसने कहा है कि इस इकाई के अधिग्रहण के लिए वह एक वाहन कंपनी के साथ बातचीत कर रही है।

तमिलनाडु सरकार में प्रधान सचिव (उद्योग) एन मुरुगनंदम ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘फोर्ड और अन्य वाहन कंपनी एवं कुछ अन्य कंपनियों के बीच बातचीत चल रही है। राज्य सरकार भूमि हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाएगी।’ दोनों राज्यों में फोर्ड के संयंत्रों में दिलचस्पी दिखाने वाली संभावित कंपनियों में ओला इलेक्ट्रिक हो सकती है जो बड़े पैमाने पर ई-कार श्रेणी में उतरने की योजना बना रही है।
इसके अलावा फ्रांस की कार कंपनी सिट्रॉन और ब्रिटिश अमेरिकन इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी अराइवल भी इसमें दिलचस्पी दिखा सकती है। इन योजनाओं से अवगत एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अराइवल भारतीय बाजार में उतरने की योजना बना रही है। इससे पहले फोर्ड करीब एक साल से संयंत्रों की बिक्री अथवा अनुबंध आधारित विनिर्माण के लिए विभिन्न वाहन कंपनियों के साथ बातचीत कर रही थी।

एक व्यक्ति ने कहा, ‘विशेष तौर पर साणंद संयंत्र काफी अत्याधुनिक है और निर्यात के लिए भौगोलिक दृष्टि से भी वह अच्छी जगह पर मौजूद है। इसलिए वह किसी नई कंपनी के लिए काफी महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।’ इस बीच, गुजरात सरकार भी स्थिति पर करीबी नजर रख रही है। राज्य सरकार के एसीएस (उद्योग एवं खान विभाग) राजीव कुमार गुप्ता ने कहा, ‘हम इस मामले पर पूरी तरह नजर रख रहे हैं और हम हरेक पहलू से उचित तौर पर निपटेंगे। राज्य और केंद्र सरकार ने फोर्ड को हमेशा मदद की है। इस संयंत्रा को उनके आंतरिक कारणों से बंद किया गया है।’
फिलहाल इन दोनों इकाइयों में काम करने वाले करीब 5,000 श्रमिकों का भविष्य अधर में लटक गया है। चेन्नई फोर्ड वर्कर्स यूनियन के सचिव अरुण संजीवनी ने कहा, ‘उनकी ओर से सार्वजनिक तौर पर घोषणा किए जाने के बाद हमें कल इस निर्णय के बारे में सूचित किया गया था। उन्होंने हमें मेल के जरिये इसकी जानकारी दी थी। प्रबंधन ने सोमवार को एक बैठक के लिए बुलाया है और हम देखते हैं कि वे क्या कहते हैं।’

साणंद संयंत्र में काम करने वाले श्रमिक कहीं अधिक चिंतित दिख रहे हैं। इस घोषणा के बाद से ही वे फोर्ड इंडिया में अपने विभागीय प्रमुखों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। संविदा पर काम करने वाले एक श्रमिक ने अपनी पहचान जाहिर न करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘सभी फोन बंद कर दिए गए हैं। इसलिए हमें सोमवार को ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा।’
फोर्ड इंडिया के साणंद संयंत्र में करीब 5,000 श्रमिकों से 500 कारों का रोजाना उत्पादन होता था जो धीरे-धीरे घटकर 2,500 से 3,000 श्रमिकों के साथ महज 200 कार प्रति दिन तक घट गया है। इन श्रमिकों में से करीब 900 श्रमिक यूनियन से जुड़े हैं।

First Published - September 11, 2021 | 1:46 PM IST

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