facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

फोर्ड कर्मियों को रास नहीं आ रहा मुआवजा पैकेज

Last Updated- December 12, 2022 | 1:06 AM IST

अपने संयंत्रों को बंद करने की घोषणा के बाद चेन्नई और साणंद में कर्मचारी यूनियनों के साथ बातचीत को लेकर फोर्ड इंडिया सोमवार को सुर्खियों में रही। दोनों यूनियनों ने ‘सेवरेंस पैकेज’ यानी विशेष मुआवजा पेशकश स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और प्रबंधन से रोजगार सुरक्षा की मांग की है। 
तमिलनाडु और गुजरात में दोनों इकाइयों में 4,000 कर्मियों के बीच पैदा हुई चिंता के बीच प्रबंधन ने उन्हें सूचित किया है कि अब तक इसे लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि इन संयंत्रों को अन्य कंपनी को सौंपा जाएगा। चेन्नई फोर्ड इम्पलॉयीज यूनियन के अध्यक्ष सुरेश एस ने कहा, ‘हमने किसी पैकेज के बारे में बात करने से भी इनकार कर दिया और हम इसके लिए किसी तरह से तैयार नहीं थे। हमने आज की बैठक में रोजगार सुरक्षा को लेकर बात की थी। हम अपने रोजगार चाहते हैं।’ इसी तरह की स्थिति साणंद में भी देखी गई थी और वहां भी यूनियनों ने रोजगार सुरक्षा को लेकर अपना रुख अडिग बनाए रखा।

साणंद में, यूनियन ने अपनी मांग नहीं रखी है, क्योंकि वह प्रबंधन द्वारा संयंत्र के भविष्य पर स्थिति स्पष्ट किए जाने का इंतजार कर रही है। फोर्ड इंडिया के साणंद संयंत्र में यूनियन नेताओं ने नाम नहीं बताने के अनुरोध के साथ कहा, ‘प्रबंधन के पास संयंत्र के भविष्य को लेकर जवाब नहीं था। श्रमिकों की रोजगार सुरक्षा हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है और हमें इस संबंध में आश्वासन की जरूरत है। प्रबंधन ने हमें बताया है कि कार उत्पादन दिसंबर 2021 तक पूरी तरह बंद किया जाएगा और सिर्फ पावर-ट्रेन इकाई कामकाज करेगी।’
सिर्फ संयंत्र कर्मी ही नहीं, विभिन्न डीलरों से संबंधित करीब 40,000 कर्मियों का भविष्य भी कंपनी के इस निर्णय से प्रभावित हुआ है। दोनों संयंत्रों पर, प्रबंधन के अधिकारियों ने श्रमिकों को यह आश्वासन दिया है कि वे शीर्ष अधिकारियों से स्थिति स्पष्टï होने के बाद उन्हें वापस ले लेंगे। प्रबंधन प्रतिनिधियों ने संयंत्र को किसी अन्य निर्माता को सौंपे जाने से जुड़ी चर्चाओं के बारे में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। 

पिछले सप्ताह तमिलनाडु सरकार ने यह आश्वासन दिया था कि रोजगार प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि कंपनी ने संयंत्र को अन्य निर्माता को सौंपने की योजना बनाई है।

First Published - September 14, 2021 | 12:19 AM IST

संबंधित पोस्ट