पुरानी कारों और स्कूटरों की औसत बिक्री कीमत साल 2020 में एक साल पहले के मुकाबले घट गई जबकि मोटरसाइकल और लक्जरी कारों की कीमतें इस अवधि में बढ़ी। पुराने वाहनों पर ड्रूम ऑटोमोबाइल ट्रेंड रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। 1.1 अरब से ज्यादा विजिटर, 1086 शहरों में 20,000 ऑटो डीलर और 30 लाख लिस्टिंग्स के नमूने पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक तौर पर इस्तेमाल होने वाली पुरानी कारों की औसत बिक्री कीमत साल 2019 के 9,16,831 रुपये के मुकाबले घटकर 8,38,827 रुपये पर आ गई। साल 2015 के बाद पहला मौका है जब कारों की औसत बिक्री कीमत घटी है। पुरानी कारों की मांग में इजाफे के कारण पिछले पांच साल में साल दर साल कीमतों में इजाफा हुआ था।
ड्रूम के मुख्य रणनीति अधिकारी अक्षय सिंह ने कहा, कीमतों में गिरावट की वजह उत्सर्जन के नियम में बदलाव रही यानी बीएस-4 से बीएस-6 की ओर बढऩे के कारण ऐसा हुआ। उन्होंने कहा, पुराने उत्सर्जन तकनीक वाले पुराने वाहनों की मांग घटी, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ा। साल की दूसरी छमाही में मांग काफी रही, लेकिन कोविड-19 के कारण आपूर्ति कम रही।
इस बीच, पुरानी लक्जरी कारों की औसत बिक्री कीमत साल 2020 में एक साल पहले के मुकाबले बढ़ी और यह एक साल पहले के 35,80,265 रुपये के मुकाबले 38,09,908 रुपये पर पहुंच गई। यह बढ़ोतरी हालांकि साल 2016 के मुकाबले कम रही जब यह 1.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी। यह संकेत देता है कि लक्जरी कार मालिक ज्यादा समय तक वाहन अपने पास रखे हुए थे जबकि पर्याप्त मांग थी क्योंकि आर्थिक दबाव के दौरान लोग नई की जगह पुरानी कार को प्राथमिकता दे रहे थे। इससे मांग-आपूर्ति का बेमेल हुआ और सिंह का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी हो गई।
स्कूटर की कीमतें भी 29,249 रुपये से घटकर 28,819 रुपये रह गई। इसमें लगातार दूसरे साल गिरावट देखी गई क्योंकि खरीदारों ने स्कूटर से मोटरसाइकल की ओर बढऩे को प्राथमिकता दी। मजबूत मांग के कारण पुरानी मोटरसाइकल की कीमतें साल 2020 में एक साल पहले के 42,383 रुपये के मुकाबले बढ़कर 47,869 रुपये पर पहुंच गई।
