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उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण में एक करोड़ से अधिक आवेदन

Last Updated- December 12, 2022 | 12:27 AM IST

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई 2.0) के दूसरे चरण के अंतर्गत रसोई गैस कनेक्शन के लिए एक करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इससे वर्ष 2021 के बजट में निर्धारित एक करोड़ नए कनेक्शन वितरण करने का लक्ष्य पार हो गया है। तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया ‘हम लक्ष्य से अधिक कनेक्शन के वितरण के लिए मंजूरी हासिल करेंगे। किसी भी पात्र लाभार्थी को कनेक्शन से वंचित नहीं किया जाएगा।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021 के अपने बजट भाषण में कहा था ‘आठ करोड़ परिवारों को लाभान्वित करने वाली उज्ज्वला योजना का विस्तार एक करोड़ और लाभार्थियों को इसके दायरे में लेने के लिए किया जाएगा।’
उसके बाद पीएमयूवाई के दूसरे चरण की शुरुआत की गई थी, जिसमें उन प्रवासी परिवारों को कनेक्शन देने पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जिन्हें पते के दस्तावेजों का प्रमाण पेश करना मुश्किल लगता है। कार्यक्रम के इस चरण को और अधिक किफायती बनाने के लिए एलपीजी सिलिंडर की पहली रिफिलिंग और हॉटप्लेट (दोनों की कीमत लगभग 1,800 रुपये) मुफ्त है। यह पीएमयूवाई के दूसरे चरण के लाभार्थियों के लिए माफ की गई 1,600 अग्रिम राशि के अतिरिक्त है। ग्रामीण और वंचित परिवारों को तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) उपलब्ध कराने के लिए सरकार की प्रमुख योजना-पीएमयूवाई की शुरुआत की गई थी। निम्न आय वाले ये परिवार पहले खाना पकाने के लिए जलाऊ लकड़ी, कोयले और उपलों जैसे पारंपरिक ईंधनों का उपयोग कर रहे थे। यह योजना 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।
चूंकि इन कनेक्शनों के लिए कम आय वाले परिवारों को लक्ष्य बनाया गया था, इसलिए उन्हें लाभार्थी द्वारा उठाई जाने वाले अग्रिम लागत के बिना इसकी पेशकश की गई थी। इसके बजाय इस राशि का तेल कंपनियों द्वारा ऋण दिया गया था, जिन्होंने बाद में इसे उस सब्सिडी से वसूल किया था, जो आगे चलकर एलपीजी के रिफिल करने पर एकत्रित हुई थी। लाभार्थियों ने इसे पूरे दामों पर खरीदा था। इस बात को देखते हुए कि पीएमयूवाई के लाभार्थी पूरे दामों पर एलपीजी सिलिंडर की लागत वहन करने में असमर्थ थे, सरकार ने यह निर्णय लिया कि तेल कंपनियों को इन ब्याज मुक्त ऋणों की वसूली छोड़ देनी चाहिए।
पीएमयूवाई का लक्ष्य 7 सितंबर, 2019 को हासिल कर लिया गया थ, जब मोदी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आठ करोड़वां कनेक्शन सौंपा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पीएमयूवाई के पहले चरण के अंतर्गत अब तक 8.3 करोड़ से अधिक कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं। इससे देश में एलपीजी का दायरा 1 मई, 2016 के 62 प्रतिशत से बढ़कर 1 अप्रैल, 2021 को 99.8 प्रतिशत हो गया है। शेष अंतर पीएमयूवाई के दूसरे चरण से भरे जाने की उम्मीद है।
15 सितंबर तक पीएमयूवाई के दूसरे चरण के कनेक्शन की सर्वाधिक संख्या का वितरण बिहार (6,05,000) में किया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल (3,34,000) दूसरे स्थान और गुजरात (2,81,000) तीसरे स्थान पर आता है।
उम्मीद की जा रही है कि मार्च 2022 तक भारत में 30 करोड़ से कुछ अधिक एलपीजी उपभोक्ता हो जाएंगे। इनमें से देश में लगभग 20.72 करोड़ गैर-पीएमयूवाई (या नियमित) एलपीजी उपभोक्ता होंगे।

First Published - October 6, 2021 | 11:41 PM IST

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