लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अपने नौवें भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रही और प्रस्तावित पहल को अहम वक्त दे सकते हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा, डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेशन, वर्तमान वैश्विक प्रतिकूलताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था का लचीलापन अहम मसले हो सकते हैं। 15 अगस्त 2022 स्वतंत्र देश के रूप में भारत का 75वां साल है।
कोविड-19 महामारी की वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में तेज विकास की जरूरत महसूस की गई। सूत्रों का कहना है कि उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस क्षेत्र के लिए प्रमुख 5 घोषणाएं कर सकते हैं। इन घोषणाओं में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ‘हील इन इंडिया’ और ‘हील बाई इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से नए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना शामिल है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत एक पोर्टल की योजना बनाई गई है, जिसमें देश भर में विदेशियों के लिए उपचार सुविधा मुहैया कराने के बारे में स्वास्थ्य सेवाओं का ब्योरा होगा, जिसमें नेटवर्क आफ हॉस्पिटल्स, शुल्क और वीजा और आव्रजन का ब्योरा होगा।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘भारत मेडिकल टूरिज्म का केंद्र है। पूरी कवायद मेडिकल टूरिज्म की प्रक्रिया को सरल करने को लेकर है, जिससे लोग देश में उपचार के लिए आएं और उनका बाधारहित अनुभव रहे।’
इसके अलावा प्रधानमंत्री कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं की कीमत कम करने की भी घोषणा कर सकते हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘वर्तमान में भारतीयों को प्रभावित करने वाली ये सामान्य बीमारियां हैं। अगर इन बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख दवाओं की कीमतों में कमी की घोषणा की जाती है तो इसका बहुत सकारात्मक असर हो सकता है।’
मोदी नए एम्स स्थापित करने की भी घोषणा कर सकते हैं। इस बार देश के पिछड़े इलाकों में इसकी स्थापना की घोषणा हो सकती है। आयुष्मान भारत के कवरेज में विस्तार भी विचाराधीन है।
सूत्रों ने कहा कि खाद्य और कृषि क्षेत्र के लिए कुछ घोषणाएं हो सकती हैं, जिससे तिलहन और दलहन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। साथ ही 2024 तक पीडीएस के माध्यम से फोर्टीफाइड चावल वितरित करने का खाका भी प्रधानमंत्री की घोषणाओं में शामिल हो सकता है।
वित्तीय क्षेत्र की घोषणाओं में स्वतंत्रता दिवस के पहले आधिकारिक रूप से डिजिटल बैंकिंग इकाई का उद्घाटन शामिल हो सकता है। बहरहाल 15 अगस्त को मोदी के भाषण में इस तरह की 75 इकाइयां स्थापित करने का उल्लेख हो सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। ज्यादातर एजेंसियों, बैंकों व बहुपक्षीय संस्थानों ने इसी तरह का अनुमान लगाया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में भारत के लिए अपना वृद्धि अनुमान घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। इस स्तर पर भी भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बना रहेगा।
अपने भाषण में मोदी उल्लेख कर सकते हैं कि आपूर्ति संबंधी व्यवधान और यूरोप में युद्ध के कारण जिंसों के दाम में तेजी के बीच भारत ने लचीलापन बनाए रखा है, जबकि कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में आ गई हैं।