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क्या कृषि भारत की ताकत है या कमजोरी? विशेषज्ञ बोले—कम आय और आयात निर्भरता बड़ी चुनौतियां

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने दी चेतावनी—खाद्य तेल आयात पर निर्भरता खतरनाक, जीएम फसलों और नई तकनीक से मिल सकता है समाधान

Published by
संजीब मुखर्जी   
हर्ष कुमार   
Last Updated- March 01, 2025 | 7:05 AM IST

बिजनेस स्टैंडर्ड मंथन कार्यक्रम में शामिल हुए विशेषज्ञों ने कहा कि भले ही कृषि भारत की ताकत है, लेकिन उसे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और किसानों की आय बढ़ाना इनमें मुख्य रूप से शामिल है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों की तुलना में यह (आय) यह बेहद मामूली है।

‘क्या कृषि भारत की ताकत है या कमजोरी’ विषय पर आयोजित परिचर्चा के दौरान नीति आयोग के सदस्य और प्रख्यात कृषि अर्थशास्त्री रमेश चंद ने कहा कि भारत खाद्य तेल की अपनी बढ़ती जरूरतें या तो खपत घटाकर या जीन संवर्द्धित (जीएम) फसल जैसी नई तकनीक अपनाकर पूरी कर सकता है।

चंद की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत एक बार फिर घरेलू किसानों की सुरक्षा के लिए खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रहा है। आयोग ने तिलहन और दलहन, दोनों पर सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें आयात पर निर्भरता कम करने के लिए ट्रांसजीन जैसी नई प्रौद्योगिकियों को जल्द अपनाने की बात कही गई है।

चंद ने कहा, ‘कृषि भारत की ताकत है। इसकी वजह यह है कि कृषि में बढ़ते मशीनीकरण के बावजूद, श्रम प्रमुख इनपुट बना हुआ है। कृषि के बारे में वैश्विक बातचीत ‘खाद्य प्रणालियों या ‘कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर केंद्रित हो गई है। इसके विपरीत, भारत सदियों से मिश्रित फसल-पशुधन प्रणाली पर जोर देता रहा है।’ भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने कहा कि हम किसान अपने काम पर गर्व करते हैं, लेकिन इससे बहुत आहत भी हैं कि सरकार की नीतियों ने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया है।

First Published : March 1, 2025 | 7:05 AM IST