प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान के मस्कट में अल बराका पैलेस में ओमान के सुल्तान, सुल्तान हैथम बिन तारिक अल सईद के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान। (फोटो: पीआईबी)
India-Oman FTA: भारत और ओमान ने गुरुवार (18 दिसंबर) को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके अंतर्गत ओमान में भारत के 98 प्रतिशत निर्यात को ड्यूटी-फ्री पहुंच मिलेगी, जिसमें कपड़ा, कृषि और चमड़ा उत्पाद शामिल हैं। दूसरी ओर, ओमान से आने वाले खजूर, मार्बल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर भारत शुल्क में कटौती करेगा। यह समझौता अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY27) से लागू होने की उम्मीद है। यह करार ऐसे समय में हुआ है जब भारत को अपने सबसे बड़े निर्यात बाजार अमेरिका में 50 प्रतिशत तक के ऊंचे टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है।
इस समझौते पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री क़ैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए।
ओमान ने अपनी 98 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लाइनों (या प्रोडक्ट कैटेगरी) पर शून्य शुल्क की पेशकश की है, जिससे ओमान को भारत के 99.38 प्रतिशत निर्यात को कवर किया जाएगा। इससे रत्न एवं आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, फुटवियर, खेल सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल डिवाइसेज और ऑटोमोबाइल जैसे सभी प्रमुख श्रम-प्रधान क्षेत्रों को पूरी तरह टैरिफ छूट मिलेगी। इनमें से 97.96 प्रतिशत उत्पाद श्रेणियों पर तुरंत टैरिफ समाप्त किया जाएगा।
भारत अपनी कुल 12,556 टैरिफ लाइनों में से 77.79 प्रतिशत पर शुल्क में ढील देगा, जो मूल्य के हिसाब से ओमान से भारत के 94.81 प्रतिशत आयात को कवर करता है। ओमान के निर्यात हित वाले और भारत के लिए संवेदनशील उत्पादों जैसे खजूर, मार्बल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के लिए भारत ने टैरिफ-रेट कोटा (TRQ) आधारित रियायत देने की पेशकश की है।
भारत ने अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ संवेदनशील उत्पादों को इस समझौते से बाहर रखा है। इनमें कृषि उत्पाद (डेयरी, चाय, कॉफी, रबर, तंबाकू), सोना-चांदी बुलियन, आभूषण, फुटवियर, खेल सामान और कई बेस मेटल्स का स्क्रैप शामिल है। फिलहाल, ओमान में लेबर इंटेंसिव उत्पादों पर लगभग 5 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है।
सेवा क्षेत्र में ओमान ने कंप्यूटर सेवाएं, बिजनेस और प्रोफेशनल सेवाएं, ऑडियो-विजुअल सेवाएं, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में अहम कमिटमेंट दी हैं। ओमान का वैश्विक सेवा आयात 12.52 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी केवल 5.31 प्रतिशत है। इससे भारतीय सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बड़ी अप्रयुक्त संभावनाएं सामने आती हैं।
इस व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) का एक बड़ा आकर्षण भारतीय पेशेवरों की आवाजाही के लिए बेहतर ढांचा है। पहली बार ओमान ने Mode-4 (कुशल पेशेवरों की आवाजाही) को लेकर नियम आसान करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अंतर्गत इंट्रा-कॉरपोरेट ट्रांसफरी का कोटा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है। साथ ही कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस सप्लायर्स के लिए रहने की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर दो साल कर दी गई है, जिसे आगे दो साल और बढ़ाया जा सकता है।
यह समझौता अकाउंटेंसी, टैक्सेशन, आर्किटेक्चर, मेडिकल और संबद्ध सेवाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों के लिए अधिक उदार प्रवेश और रहने की शर्तें भी प्रदान करता है।
इस समझौते के तहत ओमान में भारतीय कंपनियों को प्रमुख सेवा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति मिलेगी, जिससे भारत की सेवा इंडस्ट्री के लिए क्षेत्र में विस्तार के बड़े अवसर खुलेंगे। इसके अलावा, दोनों देशों ने ओमान में कंट्रीब्यूटरी सोशल सिक्योरिटी सिस्टम लागू होने के बाद सोशल सिक्योरिटी समझौते पर भविष्य में बातचीत करने पर भी सहमति जताई है।
ओमान क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वार है। ओमान में लगभग 7 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं। भारत को ओमान से हर साल करीब 2 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिलता है।
ओमान में 6,000 से अधिक भारतीय कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं। अप्रैल 2000 से सितंबर 2025 के बीच भारत को ओमान से 615.54 मिलियन डॉलर का FDI मिला है।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत-ओमान द्विपक्षीय व्यापार करीब 10.5 अरब डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 4 अरब डॉलर और आयात 6.54 अरब डॉलर रहा। ओमान GCC देशों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
यह पिछले छह महीनों में दूसरा व्यापार समझौता है। पहला समझौता यूके के साथ हुआ था। यह रणनीति उन विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ समझौते करने की है जो भारत के श्रम-प्रधान हितों से प्रतिस्पर्धा नहीं करतीं और भारतीय कारोबार के लिए नए अवसर खोलती हैं।
यह GCC (गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल) के किसी सदस्य देश के साथ भारत का दूसरा व्यापार समझौता है। भारत ने मई 2022 में यूएई के साथ ऐसा ही समझौता लागू किया था और जल्द ही कतर के साथ बातचीत शुरू होने की उम्मीद है। GCC के अन्य सदस्य हैं बहरीन, कुवैत और सऊदी अरब। भारत और ओमान के बीच CEPA पर बातचीत औपचारिक रूप से नवंबर 2023 में शुरू हुई थी और इस साल पूरी हुई।