ओमान की राजधानी मस्कट में आयोजित व्यापार सम्मेलन में ओमान के उद्योग प्रतिनिधियों और नेताओ से बातचीत करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
भारत ने गुरुवार को ओमान के साथ एक महत्वपूर्ण मुक्त व्यापार समझौता (FTA) किया है। इस समझौते को कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) का नाम दिया गया है। कहा जा रहा है कि यह भारत का अब तक का 17वां ऐसा समझौता है, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है।
इसके समझौते के बाद भारत में बने कपड़े, जेम्स एंड ज्वेलरी, चमड़ा, जूते, स्पोर्ट्स गुड्स से लेकर फार्मा और ऑटोमोबाइल तक की चीजें सीधे ओमान पहुंच सकेंगी। वहीं भारत भी ओमान के खजूर, मार्बल और पेट्रोकेमिकल्स में कोटे के साथ ड्यूटी छूट देगा। यह समझौता अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से लागू होगा। इससे व्यापार बढ़ेगा, निवेश आकर्षित होंगे और घरेलू उद्योग को नई ताकत मिलेगी। भारत-ओमान CEPA से दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को नई उड़ान मिल सकती है।
बता दें कि मुक्त व्यापार समझौता या FTA दो या ज्यादा देशों के बीच एक तरह का आर्थिक करार होता है। इसमें देश एक-दूसरे के बीच आने-जाने वाले ज्यादातर सामान पर कस्टम ड्यूटी को या तो पूरी तरह खत्म कर देते हैं या फिर काफी कम कर देते हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक रुकावटों को भी कम किया जाता है, और सर्विसेज के निर्यात को आसान बनाया जाता है। इससे दोनों देश के बीच व्यापार आसान हो जाता है और निवेश को बढ़ावा मिलता है।
भारत लगातार दूसरे देशों के साथ व्यापार समझौता करने पर जोर दे रहा है। भारत और ओमान के बीच व्यापार समझौता इस तरह का 17 वां व्यापार समझौता है। अभी यूरोपीय यूनियन और अमेरिका जैसे बड़े पार्टनर से भी व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है।
बता दें कि किसी भी देश से इस तरह के व्यापार समझौते होने के बाद इससे भारतीय सामान पार्टनर देश के बाजार में बिना ड्यूटी या कम ड्यूटी के साथ पहुंच जाता है, जिससे निर्यात के नए बाजार खुलते हैं और पुराने बढ़ते हैं। इससे विदेशी निवेश भी आकर्षित होता है, जो घरेलू उत्पादन को मजबूत बनाता है। कच्चा माल, बीच के प्रोडक्ट्स और पूंजीगत सामान सस्ते में मिलने लगते हैं, जिससे वैल्यू एडेड मैन्युफैक्चरिंग को बल मिलता है।
भारत ने श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, UAE, मॉरीशस, दस देशों वाले आसियान ब्लॉक और चार यूरोपीय देशों के साथ EFTA के साथ व्यापार समझौते किए हैं।
अमेरिका, यूरोपीय यूनियन के अलावा न्यूजीलैंड, चिली, पेरू और इजरायल जैसे देशों के साथ नए व्यापार समझौतों पर भारत बातचीत कर रहा है।
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ओमान भारतीय श्रम-गहन प्रोडक्ट्स जैसे कपड़ा, जेम्स एंड ज्वेलरी, चमड़ा, जूते, स्पोर्ट्स गुड्स, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, दवाइयां, मेडिकल डिवाइस और ऑटोमोबाइल्स पर टैक्स या कस्टम ड्यूटी हटा देगा।
दूसरी तरफ भारत ओमान से आने वाले कुछ प्रोडक्ट्स जैसे खजूर, मार्बल और पेट्रोकेमिकल्स पर कोटे के साथ ड्यूटी में ज्यादा छूट देगा। भारत अपनी कुल 12,556 टैरिफ लाइनों (प्रोडक्ट कैटेगरी) में से 77.79 फीसदी पर टैरिफ कम करेगा, जो ओमान से होने वाले भारत के आयात का 94.81 फीसदी हिस्सा कवर करता है। ये समझौता अगले वित्त वर्ष के पहले तिमाही से लागू हो सकता है।
वित्त वर्ष 2025 में भारत का ओमान को निर्यात 4.1 अरब डॉलर का रहा। इसमें सबसे आगे नेफ्था (747.6 मिलियन डॉलर), पेट्रोल (561 मिलियन डॉलर), कैल्साइट एलुमिना(313 मिलियन डॉलर), मशीनरी (231 मिलियन डॉलर), एयरक्राफ्ट (165 मिलियन डॉलर), चावल (182 मिलियन डॉलर), लोहा-स्टील के सामान (120 मिलियन डॉलर), ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स (128.6 मिलियन डॉलर) और सिरेमिक प्रोडक्ट्स (79.9 मिलियन डॉलर) रहे।
ओमान से भारत का आयात 6.6 अरब डॉलर का था, जिसमें क्रूड ऑयल (1.1 अरब डॉलर), लिक्विफाइड नेचुरल गैस (1.1 अरब डॉलर) और फर्टिलाइजर्स (1.1 अरब डॉलर) सबसे ज्यादा थे।
अपने हितों की रक्षा के लिए भारत ने संवेदनशील प्रोडक्ट्स को इस लिस्ट में डाला है, जहां कोई छूट नहीं दी जाएगी। इसमें 2,789 टैरिफ लाइनें हैं। इनमें डेयरी प्रोडक्ट्स, चाय, कॉफी, रबर, तंबाकू उत्पाद, सोने-चांदी की ईंटें और ज्वेलरी, चॉकलेट्स, जूते और स्पोर्ट्स गुड्स जैसे श्रम-गहन सामान, साथ ही कई बेस मेटल्स का स्क्रैप शामिल है।