कम से कम इतना अनुमान तो लगाया ही जा सकता है कि आईपीएल के इस सीजन में ट्रॉफी की सबसे बड़ी दावेदार सनराइजर्स हैदराबाद, कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स होंगी। वैश्विक स्वास्थ्य संकट के दौर में इतने बड़े टूर्नामेंट के आयोजन के लिए कुछ महत्त्वाकांक्षा और संगठन की जरूरत होगी। भारत की तुलना में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को कोरोनावायरस से निपटने में सफल माना जा सकता है। इस देश में करीब 81,000 मामले आए हैं और महज 400 लोगों की मौत हुई है।
इसके बावजूद बायो-बबल (जैव सुरक्षित माहौल) की मदद से क्रिकेट का आयोजन करना बड़ी चुनौती है। खिलाड़ी क्वारंटीन नहीं तोड़ सकते और उनकी नियमित रूप से जांच होगी, जो लगातार सफर एवं 19 सितंबर से 10 नवंबर तक आयोजन की अत्यधिक लंबी अवधि के कारण बड़ी मुश्किल हो जाएगी। हालांकि क्रिकेट की शुरुआत जुलाई की शुरुआत में हो गई थी। उस समय वेस्ट इंडीज की टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। लेकिन इंडियन प्रीमियम लीग (आईपीएल) ऐसा पहला टूर्नामेंट है, जिसमें बहुत सी टीमें हिस्सा ले रही हैं।
अन्य खेलों ने दिखाया है कि ये बदलाव आसानी से संभव है। यूरोप की बहुत सी फुटबॉल लीग ने लॉकडाउन के बाद सफलतापूर्वक अपने सीजन पूरे किए हैं। हालांकि उन्होंने खाली स्टेडियमों के आगे अपने मैच खेले। इस दौरान केवल कुछ पॉजिटिव मामले आए और लगभग कोई मैच रद्द नहीं हुआ। हाल में खत्म होने वाले यूएस ओपन ने भी आयोजन को ठीक से संभाला है, जिसमें डोनिनिक थीम ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता। एकमात्र अपवाद टिमिया बाबोस और क्रिस्टीना म्लादेनोविच की महिला युगल जोड़ी रही, जिसे टूर्नामेंट शुरू होने से पहले पॉजिटिव पाए गए फ्रांसिसी बेनोइट पेरे के संपर्क में आने के कारण आयोजन से हटना पड़ा।
शायद आईपीएल एनबीए की तरह नजर आएगा। एनबीए फ्लोरिडा के डिज्नी वल्र्ड में 2019-20 के सीजन को पूरा करने के बीच में है। फ्लोरिडा में एनबीए के बहुत से कोर्ट, रेस्टोरेंट, होटल और आरामगाह हैं, जो खिलाडिय़ों को सहज रखने और उनका मनोरंजन करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कैसी है पिच?
भारत की तरह ही यूूएई में ट्रैक परंपरागत रूप से सूखे रहे हैं और बल्लेबाजों के अनुकूल हैं। इनमें से ज्यादातर ताजा ट्रैक होंगे, इसलिए प्रतिस्पर्धा के शुरुआती हिस्से में कुछ बड़े स्कोर बनने की उम्मीद की जा सकती है। इसके साथ ही आईपीएल आगे बढऩे के साथ ही पिच धीमी पड़ेंगी। अगर आप पुराने सबूतों को देखें तो पाएंगे कि दुबई की पिच पर कुछ मैचों में कम स्कोर बनेंगे। दो अन्य मैदानों में से एक शारजाह फ्लैट और छोटा है। अबू धाबी में बाउंस मिलता है, लेकिन बल्लेबाजी के लिए थोड़ा धीमा हो जाता है। वहां मौसम भी वैसा ही होगा, जैसा भारत में आईपीएल के आम महीनों अप्रैल और मई में होता है। इन सब चीजों से यही संकेत मिलता है कि स्पिनर अच्छे चलेंगे।
स्पिनर का जलवा
क्रिकेट में ऐसी बहुत कम चीज हैं, जो हाल में बढते कलाई के स्पिनर के चलन से मुकाबला कर सकें। एक समय यह प्रजाति खत्म हो रही थी। लेकिन अब रिस्ट स्पिनर का होना जरूरी माना जाने लगा है। इससे फिंगर स्पिनर चलन से बाहर होते जा रहे हैं। अत्यधिक आक्रामक बल्लेबाजी के दौर में इस तरजीह को आसानी से समझा जा सकता है। रिस्ट स्पिनर्स नॉन-टर्निंग विकेट में ज्यादा सफल हो सकते हैं। उनके पास ज्यादा विविधता होती है और उनके पास काफी ‘रहस्य’ रहता है, विशेष रूप से कुलदीप यादव जैसे बाएं हाथ के गेंदबाजों के लिए। कप्तानों की विकेट लेने के लिए उन पर निर्भरता बनी रहेगी। लेकिन यह भी गौरतलब है कि आम तौर पर ऑफ-स्पिनर धीमी पिचों के लिए ज्यादा उपयुक्त होते हैं। यूएई में होने जा रहे टूर्नामेंट में भी ऐसा होने के आसार हैं। सुनील नारायण और रविचंद्रन आश्विन जाने-माने रिस्ट स्पिनर रहे हैं और उन्होंने आईपीएल में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है।
धोनी की वापसी
जब चेन्नई सुपर किंग्स शनिवार को पहले मैच में मुंबई इंडियंस से भिड़ेगी तो प्रशंसक महेंद्र सिंह धोनी को 439 दिन बाद क्रिकेट के मैदान में देखेंगे। भले ही अब वह एक झुंड की तरह न दिखे, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान के वफादार प्रशंसकों के लिए पिछले साल का खालीपन परिवारिक शोक की तरह रहा है।
अब धोनी राष्ट्रीय टीम से संन्यास ले चुके हैं, इसलिए पुराने धोनी को देखना रोमांचक होगा। उनकी बल्लेबाजी को लेकर संदेह के बावजूद कैप्टन धोनी अथक ताकत बने रहेंगे और शांत और संयम तरीके से अपने खिलाडिय़ों को प्रेरित करते रहेंगे, जो हमेशा से उनकी पहचान रही है। वर्ष 2019 में धोनी की टीम ने ट्रॉफी जीती थी, जबकि उनकी टीम में ऐसे कई खिलाड़ी थे, जो बूढ़े हो रहे थे। पिछले साल यह टीम केवल फाइनल में हारी थी। इस बार टीम को सुरेश रैना के बिना खेलना है, लेकिन फिर भी वे खुद को जीत का प्रबल दावेदार मान रहे हैं।
आरसीबी का भविष्य?
कई बार आप सोचते होंगे कि अगर विराट कोहली की अंतिम विरासत इस बात पर निर्भर न करे, जो वह भारतीय टीम के लिए करते हैं। इसके बजाय इस पर निर्भर करे कि क्या वे किसी तरह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर (आरसीबी) को विजेता बना पाते हैं। यह स्थायी सवाल है, जिसका जवाब कोहली भी नहीं दे पाएं हैं।
पिछले साल आरसीबी आठवें स्थान पर रही। वह पहले आठ मैचों में से छह हारी। बीते वर्षों में अच्छे खिलाड़ी होने के बावजूद आरसीबी हार का सिलसिला तोडऩे में कामयाब नहीं हो पाई है। टी20 क्रिकेट का संबंध मोमेंटम से है और आरसीबी पर्याप्त मोमेंटम पैदा करने में असफल रही है। वह आम तौर पर बड़े स्कोर का पीछा करने में धराशायी हो गई। इस साल टीम के लिए फास्ट बॉलिंग डिपार्टमेंट चिंता का विषय है, लेकिन उसकी भरपाई कोहली के पास मौजूद स्पिनर जैसे यजुवेंद्र चहल, एडम जंपा और वाशिंगटन सुंदर कर देंगे।
सबसे मूल्यवान खिलाड़ी
इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। आईपीएल में दुनिया भर के बेहतर खिलाड़ी आते हैं। लेकिन अगर पिछले सीजन को देखें तो आप आंद्रे रसेल को इस साल के सबसे मूल्यवान खिलाड़ी के रूप में चुनेंगे। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि रसेल आईपीएल के इतिहास में सबसे खतरनाक बल्लेबाज रहे हैं। वह गेंद से भी काफी मदद देते हैं। लेकिन क्रिकेट में फॉर्म बदलती रहती है और पहले रसेल के साथ फिटनेस को लेकर दिक्कतें रही हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि यह पूरी तरह एक घोड़े की ही दौड़ है। कोहली, नारायण, के एल राहुल, ऋषभ पंत, जो बटलर और बेन स्टोक्स कमाल दिखा सकते हैं।
आखिर कौन जीतेगा?
टी20 की प्रकृति को देखते हुए यह सवाल हमेशा मुश्किल रहा है। लेकिन बीते वर्षों में कुुछ टीमों ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इसमें मुंबई इंडियंस सबसे ऊपर है, जिसने पिछले तीन सीजन में से दो जीते हैं। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सनराइजर्स हैदराबाद, कोलकाता नाइटराइडर्स और चेन्नई सुपरकिंग्स इस सीजन में खिताब की प्रबल दावेदारा होंगी।