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कोरोना काल में बाहर खाने जाने के बदल रहे तरीके

Last Updated- December 15, 2022 | 8:02 PM IST

दोपहर के भोजन से लेकर रात्रि के खाने तक, लगभग प्रत्येक समय कोलकाता में पार्क स्ट्रीट स्थित लोकप्रिय रेस्टोरेंट पीटर कैट के काउंटर पर करीब 10-15 लोग बातचीत करते तथा धक्कामुक्की करते दिख जाते थे जो वहां की सालों पुरानी रेसिपी ‘चेलो कबाब’ खाने के लिए आते थे। हालांकि लॉकडाउन के बाद लंबे अंतराल के बाद सोमवार को जब रेस्टोरेंट खुला तो यह नजारा गायब था। कोविड-19 के चलते लगाए गए लॉकडाउन में ढील देने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही परिचालन संबंधी दूसरे नियमों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
पीटर कैट के बाहर गोले तथा क्रांस के निशान बनाए गए हैं जिससे आगंतुक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकें। अंदर रेस्टोरेंट में प्रत्येक एक सीट के बाद दूसरी सीट खाली छोड़ी गई है जिससे छह फुट की दूरी बनाई जा सके। अगर यह काफी नहीं है तो अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कई जगह कांच शीट लगाकर पार्टिशन किया गया है।
पीटर कैट के मालिक नितिन कोठारी बताते हैं कि डिस्पिोजेबल मेन्यू काड्र्स उपलब्ध कराए गए हैं। रेस्टोरेंट में एक साथ 170 लोगों के बैठने की क्षमता है लेकिन सरकारी नियमों के अनुसार फिलहाल 50 फीसदी सीटों को ही भरा जा रहा है। कोठारी अन्य रेस्त्रां मोकैम्बो के भी मालिक हैं और वहां भी इसी तरह नियमों का पालन किया जा रहा है।
मोकैम्बो से करीब 100 मीटर दूर और कभी कोलकाता की नाइट लाइफ की पहचान कहलाने वाले ट्रिंकैस में तैयारी जोरों पर हैं जिससे इस सप्ताह के अंत तक रेस्तरां चालू किया जा सके।
थर्ड जेनरेशन पार्टनर आनंद पुरी ने कहा, ‘शुक्र है कि हमारे पास मिंग रूम, द अदर रूम, टैवर्न और ट्रिंकैस में काफी काली जगह उपलब्ध है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कोई समस्या नहीं है।’ दक्षिणी कोलकाता के हिंदुस्तान पार्क के समीप द न्यू पार्क स्ट्रीट में करीब 100 रेस्तरां तथा कैफे हैं और वहां भी चहलकदमी देखी जा रही है। काफी लोकप्रिय ‘अवध-1590’ ईको-फ्रेंडली, डिस्पोजेबल प्लेट तथा अन्य सामान के साथ पूरी तरह तैयार है। रेस्तरां के मेन्यू का पीडीएफ आगंतुकों के मोबाइल नंबर पर फॉरवर्ड कर दिया जाता है और अगर उनके मोबाइल में पीडीएफ नहीं खुलती है तो प्रत्येक टेबल मैट परह मेन्यू को प्रिंट भी किया गया है।
इस समय उद्योग के सामने सबसे बड़ी चुनौती ग्राहकों की चिंताओं को दूर करना है और रेस्तरां उनके अंदर से डर को हटाने के लिए सभी तरीके आजमा रहे हैं। इसलिए, कांटेक्टलेस डाइन-इन अनुभव को भी लाया गया है।
केएफसी इंडिया में ‘हाइजीन चैंप’ के साथ कांटेक्टलेस डाइन-इन अनुभव की शुरुआत होती है जो प्रवेश के समय ग्राहकों को सैनिटाइज में मदद करता है। मोबाइल, वेबसाइट, क्यूआर कोड और ऐप पर डिजिटिल भुगतान के साथ पहले से ही ऑर्डर दिया जा सकता है। ग्राहकों द्वारा  खाना ले जाने को वरीयता दी जा रही है। अगर आप काउंटर पर भुगतान करते हैं तो स्टोर प्रतिनिधि ऑर्डर लेने के बाद पीछे हटकर खड़ा हो जाएगा। परिवार के साथ बैठने की अनुमति है लेकिन टेबल के बीच कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखना जरूरी है।
पिज्जा हट तथा टेको बेल में भी इसी तरह के अनुप्रयोग किए गए हैं। मैकडॉनल्ड्स इंडिया (पश्चिम तथा दक्षिण भारत) का परिचालन करने वाली हार्डकासल रेस्टोरेंट की प्रबंध निदेशक स्मिता जतिन ने डाइन-इन, डिलिवरी तथा टेक-आउट सर्विस के लिए 42 प्वाइंट की चेकलिस्ट तैयार की है। उन्होंने कहा, ‘हम एक कदम और आगे बढ़ते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे सभी आपूर्तिकर्ता भी इसी तरह की प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं और खेत से लेकर अंतिम उत्पाद बनने तक हम सभी अवयवों को ट्रेस कर सकते हैं।’ रेस्टोरेंट सैनिटाइजेशन ड्रिल तथा दूसरे प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं लेकिन क्या इसकी लागत ग्राहकों पर डाल दी जाएगी? अवध ने प्रति व्यक्ति सैनिटाइजेशन शुल्क 50 रुपये रखा है। नितिन कोठारी का कहना है कि फिलहाल कीमतों में इजाफा नहीं किया जा रहा है लेकिन अंत में इसे मामूली तौर पर बढ़ाया जा सकता है क्योंकि कच्चे माल की कीमतें भी काफी अधिक हो गई हैं। ए2बी वेजीटेरियन रेस्टोरेंट्स ब्रांड के नाम से करीब 128 रेस्तरां चलाने वाली आद्य आनंद भवन स्वीट्स के प्रबंध निदेशक और चेन्नई होटल्स एसोसिएशन के मानित अध्यक्ष के.टी. श्रीनिवास राजा कहते हैं कि चेन्नई में 10,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट हैं। तमिलनाडु में भले ही उद्योग भारी तनाव में हो, लेकिन यहां कीमतें बढऩे की कोई गुंजाइश नहीं है।

First Published - June 7, 2020 | 11:44 PM IST

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