facebookmetapixel
2 Maharatna PSU Stocks समेत इन 3 स्टॉक्स को खरीदने की सलाह, ब्रोकरेज ने दिए ₹4,880 तक के टारगेटStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से सपाट संकेत, वैश्विक बाजारों में मिलाजुला रुख; आज कैसी रहेगी बाजार की चाल?खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिश

Business Standard India Mortgage Leadership Conclave: डेवलपरों को जमीन के लिए भी मिले कर्ज- दीपक पारेख

HDFC AMC और HDFC Life के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि वर्तमान में डेवलपरों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा विदेशी कंपनियों से अल्पावधि का ऋण लेना पड़ता है।

Last Updated- February 07, 2024 | 11:06 PM IST
Banks must be allowed to lend for land to developers: Parekh at BS IMLC Business Standard India Mortgage Leadership Conclave: डेवलपरों को जमीन के लिए भी मिले कर्ज- दीपक पारेख
HDFC AMC और HDFC Life के चेयरमैन दीपक पारेख बिजनेस स्टैंडर्ड के कंसल्टिंग एडिटर तमाल बंद्योपाध्याय के साथ

एचडीएफसी एएमसी और एचडीएफसी लाइफ के चेयरमैन दीपक पारेख ने बुधवार को कहा कि बैंकों को यह इजाजत होनी चाहिए कि वे डेवलपरों को जमीन का अधिग्रहण करने के लिए ऋण प्रदान कर सकें। वह मुंबई में तीसरे बिज़नेस स्टैंडर्ड इंडिया मॉर्गेज लीडरशिप (आईएमएल) कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। इसी कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट में घोषित रूफटॉप सोलर प्रोग्राम ‘बड़ा बदलाव’ लाने वाला साबित हो सकता है और स्टेट बैंक इसे अपने आवास ऋण कारोबार के लिए एक अवसर के रूप में देख रहा है।

पारेख ने कहा कि वर्तमान में डेवलपरों को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा विदेशी कंपनियों से अल्पावधि का ऋण लेना पड़ता है जिस पर उन्हें करीब 17 से 18 फीसदी की भारी दर से ब्याज चुकाना होता है।

उन्होंने कहा, ‘जैसे ही उन्हें जमीन मिलती है और वे निर्माण कार्य शुरू करते हैं, उन्हें निर्माण के लिए कर्ज मिल जाता है। ऐसे में वे एनबीएफसी का कर्ज चुका देते हैं। अगर हम चाहते हैं कि अचल संपत्ति की कीमतें कम हों और वह किफायती बने तो बैंक जमीन के लिए ऋण क्यों नहीं दे सकते?’ पारेख ने कहा कि देश में किफायती रिहायशी क्षेत्र को अधिक तवज्जो नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि मुंबई में अधिकांश फ्लैट एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत पर बिकते हैं और उन्हें किफायती नहीं कहा जा सकता है।

इसी परिचर्चा के दौरान स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक वित्त मंत्री द्वारा घोषित रूफटॉप सोलर प्रोग्राम को एक अवसर के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक पहले ही सौर ऊर्जा और रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं ला चुका है।

उन्होंने कहा कि गुजरात और केरल में रूफटॉप सोलर प्रोग्राम को अपनाने वालों की तादाद अच्छी खासी है। यह योजना बड़ा बदलाव लाएगी क्योंकि हर घर बिजली का उत्पादक होगा और जरूरत से अधिक बिजली को सीधे ग्रिड में भेजा जा सकेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में कहा था कि केंद्र सरकार एक करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर की मदद से हर माह 300 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली देने का लक्ष्य लेकर चल रही है जिससे करीब 18,000 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत एक करोड़ घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने की योजना है।

First Published - February 7, 2024 | 10:59 PM IST

संबंधित पोस्ट