कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सिद्धरमैया को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने की संभावना के बीच पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार ने सोमवार को अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को संकेत दे दिया कि वह इस बात से नाराज हैं कि वह उनसे किए गए वादों से मुकर गया और उन्होंने अपने प्रतिस्पर्द्धी को अपनी ‘शुभकामनाएं’ भेजीं।
कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों की राय जानने के बाद अब तीनों पर्यवेक्षक जल्द ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे और ऐसे में पूरी निगाहें पार्टी आलाकमान पर टिक गई हैं। विधायकों की राय जानने के लिए बेंगलूरु भेजे गए पार्टी के तीनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली लौट आए और अब वे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सोमवार की शाम दिल्ली पहुंच गए। लेकिन शिवकुमार ने दिल्ली पहुंचने में देरी की वजह के लिए अपने जन्मदिन समारोह से जुड़े आयोजनों का हवाला दिया और अपना दौरा स्थगित कर दिया। शाम तक शिवकुमार ने कहा कि उनका पेट खराब है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे पेट में कुछ समस्या है। दस मिनट में एक डॉक्टर आ रहा है। शायद संक्रमण की समस्या है और मुझे बुखार भी है। कृपया मुझे मुक्त होने दें।’
हालांकि बाद में, उन्होंने एक निजी समाचार चैनल से कहा कि वह ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी ने मुझसे कहा कि मुझे आप पर भरोसा है कि आप कर्नाटक में जीत हासिल करेंगे। मैं यहां बैठा हूं और अपनी नियमित जिम्मेदारी निभा रहा हूं। आपके पास बुनियादी शिष्टाचार होना चाहिए, थोड़ा आभार भी जाहिर करना चाहिए। उन्हें यह स्वीकार करने का शिष्टाचार होना चाहिए कि जीत के पीछे कौन है।’
सूत्रों का कहना है कि खरगे, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार के साथ मंत्रणा के बाद कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के बारे में जल्द फैसला करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बात कर उनकी राय जानी। तीनों पर्यवेक्षकों ने बेंगलूरु के एक निजी होटल में रविवार रात कई घंटे तक विधायकों के साथ बातचीत की और अगले मुख्यमंत्री को लेकर गोपनीय मतदान भी कराया।
एक विधायक ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘सिद्धरमैया और शिवकुमार तथा किसी अन्य नेता को चुनना था या फिर निर्णय आलाकमान पर छोड़ना था। यह एक तरह से गोपनीय मतदान था।’ कहा जा रहा है कि विधायकों का एक धड़ा नेता चुनने के लिए हाथ उठाकर फैसला करने के पक्ष में था, लेकिन पार्टी ने ऐसा फैसला नहीं किया, क्योंकि इससे सरेआम विभाजन की स्थिति पैदा हो जाती।
पर्यवेक्षक जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘हम रिपोर्ट तैयार करेंगे और इसे कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेंगे। हमने रविवार देर रात विधायकों के साथ कई घंटे बात की। रिपोर्ट के आधार पर फैसला किया जाएगा।’
कर्नाटक विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष बीके हरिप्रसाद ने कहा, ‘पर्यवेक्षक ने विधायकों से अलग-अलग मुलाकात कर उनकी राय ली और मुख्यमंत्री के नाम को लेकर गोपनीय मतदान कराया गया। अब पार्टी आलाकमान फैसला करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा।’
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।
कर्नाटक के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत कर दिया था। राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम की और एक बार फिर से कर्नाटक सत्ता में वापसी की। जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं।
(साथ में भाषा)