दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बताया कि पिछले दस साल से सरकार चलाने के बाद भी वह थकी नहीं हैं। वह विकास की शर्तपर लोगों के बीच जाएंगी, न कि कांग्रेस का गीत गाएंगी। श्रीलता मेनन के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश:-
पिछले दस सालों में आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही?
मैं कांग्रेस का गीत नहीं गाने जा रही हूं। हम लोग पिछले दस सालों में हेल्थकेयर, शिक्षा और परिवहन के क्षेत्र में हुए विकास को लेकर जनता के पास जाएंगे। हमलोगों ने अपने हिसाब से विकास की हर अच्छी कोशिश की है। दिल्ली की हरियाली हमारे लिए दिखने वाली सबसे बड़ी उपलब्धि है।
अगर जनता चाहती है कि विकास का यह सफर जारी रहे, तो हम फिर सत्ता में आएंगे।
बिजली क्षेत्र के निजीकरण की सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार ने जो दावे किए, उसे वह पूरा नही कर पाई। बिजली की चोरी और कंपनियों की दी जाने वाली सब्सिडी जारी है।
यह सरकार की ओर से उठाया जाने वाला एक साहसिक कदम था।
बिजली की जिम्मेदारी जब दिल्ली बिजली बोर्ड के पास थी, तो 6-13 घंटे बिजली नही रहना आम बात हो गई थी। बिजली का निजीकरण किया गया, जिसमें भारत सरकार, विशेषज्ञों और योजना आयोग की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई।
छह साल बीतने के बाद पूरे देश और विश्व में इस कोशिश की काफी तारीफ हुई। इसके खिलाफ जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं। बिजली की चोरी भी 52 फीसदी से घटकर 26 फीसदी हो गई है। हमारा लक्ष्य इसे 15 फीसदी तक लाना है।
जहां तक बिजली की दर का सवाल है, तो यह सभी जगह महंगा हो रहा है। हमलोग एक यूनिट के लिए 2 रुपये चुकाते हैं, जबकि इसकी वास्तविक कीमत 7 रुपये है। इसके बावजूद हमलोग 2 रुपये प्रति यूनिट ही लेंगे। इस दर में बाद में बदलाव किए जाएंगे।
आपकी छवि पर्यावरण सुधारों को प्रोत्साहन देने वाली शख्सियत के तौर पर बनी है। लेकिन वास्तविकता यह है कि करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी यमुना की हालत जस की तस है। क्या आप इससे हताश नहीं हैं?
हमलोग इस विषय पर विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं। इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड यमुना नदी में बहने वाले हर कचरे पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। एक महीने के भीतर यह रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद हम इसका मूल्यांकन कर अपेक्षित कदम उठाएंगे।
आपने हरित राष्ट्रमंडल खेल की बात कही थी। इसका क्या मतलब है?
हम हरित मकान, उसके चारों तरफ हरियाली और सौर ऊर्जा की व्यवस्था कर रहे हैं, जहां भी यह संभव है। हमलोग सौर ऊर्जा के लिए इंसेन्टिव भी दे रहे हैं।
आपकी भागीदारी पहल की भी आलोचना होती रही, क्योंकि स्थानीय लोगों के कल्याण से जुड़ी इस पहल को आपने विधायिका के जरिये सशक्त करने की कोई कोशिश नही की?
मैं कानून के जरिये समाज के सशक्तीकरण को तरजीह देती हूं, लेकिन संवैधानिक तौर पर यह संभव नहीं है। अभी भागीदारी के सदस्यों की संख्या 40 लाख है। इसके लिए डिविजनल कमिश्नर को हर क्षेत्रीय निवासी कल्याण परिषदों के लिए 50 लाख रुपये भी दिए जाते हैं।
आपने घोषणा की थी कि जिन लोगों को झुग्गी बस्तियों से विस्थापित किया जाएगा, उसे रहने के लिए फ्लैट दिया जाएगा। लेकिन यह भी देखना अभी बाकी है?
लगभग 1200 फ्लैटों का निर्माण हो चुका है, लेकिन इसकी मांग इतनी अधिक है कि इसमें कुछ समय लगेगा। इसके लिए तीन लाख आवेदन आ चुके है। मेरा सपना है कि इस योजना के तहत चार लाख घर बनाया जाए।
आनेवाले विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के चयन के लिए कौन सी प्राथमिक शर्त है? क्या किसी संप्रदाय में काम के आधार पर यह निर्णय लिया जाएगा?
किसी उम्मीदवार के जीतने की संभावना उसके चयन की सबसे बड़ी शर्त है। उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नही होना चाहिए और निश्चित तौर पर उसके प्रदर्शन को भी देखा जाएगा।
किन्हें आप अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती हैं- विजय कुमार मल्होत्रा (भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भावी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार) या अजय माकन या खुद आप?
मैं चाहती हूं कि कांग्रेस फिर से वापस आए।
पिछले दस साल से सरकार चलाने के बाद आप थक तो नहीं गई हैं?
क्या मैं थकी हुई लग रही हूं। दिल्ली काफी उत्साही जगह है और यहां पर काम करने का अपना मजा है।