एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने उत्तराखंड में नई ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने और एक सब-स्टेशन के निर्माण के लिए 9.3 करोड़ डॉलर यानी करीब 465 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दे दी है।
एक समझौते के तहत बिजली सुधार कार्यों के लिए एडीबी 30 करोड़ डॉलर के कुल ऋण को पहले ही मंजूरी दे चुका है। जहां 4.2 करोड़ डॉलर की पहली अदायगी के तहत उत्तराखंड चार छोटी पनबिजली परियोजनाएं विकसित कर रहा है वहीं दूसरी और तीसरी किस्तों में 9.3 करोड़ डॉलर की रकम शामिल है जिसे पीरियड फाइनैंस रिक्वेस्ट (पीआरएफ) के तहत एडीबी ने मंजूरी दे दी है।
9.2 करोड़ डॉलर में से 6.24 करोड़ डॉलर ट्रांसमिशन लाइनों के लिए और 3.06 करोड़ डॉलर की रकम एक सब-स्टेशन के लिए हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार एनटीपीसी द्वारा उत्तरकाशी जिले में बनाई जा रही 600 मेगावाट की लोहरी नागपाला जलविद्युत परियोजना से बिजली पहुंचाए जाने के लिए 90 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन बनाएगी।
उत्तरकाशी इलाके में कई अन्य परियोजनाएं भी हैं जिनमें 480 मेगावाट की पाला मनेरी और 381 मेगावाट की भैरोंघाटी परियोजनाएं शामिल हैं। कुछ पर्यावरणविदों के विरोध के कारण पिछले साल इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य रोक दिया गया था।
सरकार 3.06 करोड़ डॉलर की लागत से 132 केवी का एक सब-स्टेशन श्रीनगर में भी बना रही है। एक अधिकारी ने कहा, ‘इस सब-स्टेशन का उद्देश्य उत्तरकाशी से बिजली तैयार करना और इसे उत्तरी ग्रिड से जोड़ना है।’
एडीबी से मिलने वाली 4.2 करोड़ डॉलर की सहायता से यूजेवीएनएल 29 मेगावाट पैदा करने के लिए चार जलविद्युत संयंत्र बना रहा है।
