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उत्तर प्रदेश : मॉनसून सत्र 20 अगस्त से

Last Updated- December 15, 2022 | 4:40 AM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र 20 अगस्त से शुरू होगा। विधानसभा के मॉनसून सत्र में 10 विधेयकों के अलावा अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा।
विधानसभा सत्र में पेश होने वाले अनुपूरक बजट में कोरोना संकट के दौरान घोषित कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था की जाएगी। यह चालू वित्त वर्ष का पहला अनुपूरक बजट होगा। इससे पहले बीते सत्र में 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश सरकार ने 5.12 लाख करोड़ रुपये का सालाना बजट पेश किया था। इस साल यह उत्तर प्रदेश विधानसभा का दूसरा सत्र होगा। पहले सत्र को भी 18 फरवरी से 7 मार्च तक चलाने की योजना थी लेकिन कोरोना संकट के बाद इसे 28 फरवरी को खत्म कर दिया गया था।
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी अनुपूरक बजट के आकार के बारे में कोई एलान नही किया है लेकिन महामारी के दौरान कई योजनाओं की शुरुआत के चलते यह 15,000 करोड़ रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है। गौरतलब है कि बीते चार महीनों में प्रदेश सरकार ने महामारी से जनता को राहत देने के लिए कई योजनाओं का एलान किया है। इसके तहत अक्टूबर तक फ्री राशन देने, गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों, पटरी दुकानदारों को हर महीने उनके बैंक खाते में निश्चित रकम देने के साथ ही प्रावासी मजदूरों को 1,000 रुपये देने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार ने मनरेगा के तहत लिए जाने वाले काम की अवधि को भी बढ़ाया है और कई परियोजनाओं पर लॉकडाउन के दौरान ही काम शुरू कर दिया गया था। इसी दौरान प्रदेश सरकार ने तकनीकी प्रशिक्षण ले रहे युवाओं के लिए विशेष इंटर्नशिप कार्यक्रम की भी शुरुआत की है। प्रदेश सरकार ने महामारी के दौरान छोटे व मझोले उद्यमों कों विशेष अभियान चला कर कर्ज बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया और स्टार्टअप का दायरा आईटी से बढ़ाकर सभी उद्योगों के लिए कर दिया।
वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक महामारी से निपटने के लिए घोषित योजनाओं के साथ ही एक्सप्रेस वे और मेट्रो परियोजना व नयी बिजली इकाइयों के लिए अनुपूरक बजट में धन की व्यवस्था की जा सकती है। मनरेगा के लिए केंद्र सरकार की ओर से आवंटन बढ़ाने के बाद उसी अनुपात में प्रदेश की ओर से भी इसके लिए धन की व्यवस्था की जानी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र वर्चुअल रुप से संचालित न होकर परंपरागत तरीके से ही आयोजित किया जाएगा। हालांकि इसके लिए विधानसभा सचिवालय को खास तरह के इंतजाम करने होंगे। प्रदेश विधानसभा की कुल क्षमता 403 विधायकों की है और वर्तमान में 399 सदस्य हैं। सामाजिक दूरी के मानको को पूरा करते हुए यहां अधिकतम 200 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जा सकती है। इन परिस्थितियों में विधायकों के लिए विधानसभा मंडप में व्यवस्था की जा सकती है।

First Published - July 18, 2020 | 1:06 AM IST

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