महाराष्ट्र और दिल्ली में सोमवार से चरणबद्घ तरीके से कारोबारी गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। मगर मुंबई के रेस्टोरेंट मालिकों और दिल्ली के व्यापारियों का कहना है कि अनलॉक के पहले दिन शायद कम कारोबारी ही अपने प्रतिष्ठïान खोलेंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई को तीसरे स्तर के जिलों में रखा है। इसके हिसाब से सप्ताह के कामकाजी दिनों में सुबह 7 से अपराह्नï 4 बजे तक 50 फीसदी क्षमता के साथ ग्राहक भोजन करने आ सकते हैं। सप्ताहांत पर केवल टेक-अवे और होम डिलिवरी ही हो सकती है।
दिल्ली में बाजार तथा मॉल सम-विषम आधार पर खोले जाएंगे। सोमवार से दुकानें सुबह 10 से शाम 8 बजे तक खुलेंगी। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘दिल्ली के व्यापारी सम-विषम फॉर्मूले के खिलाफ हैं। इससे भ्रम पैदा हो जाएगा क्योंकि लोग खरीदारी करने आएंगे मगर उन्हें यही नहीं पता होगा कि उस दिन कौन सी दुकान खुली होगी और कौन सी नहीं।’
इंप्रेसारियो एंटरटेनमेंट ऐंड हॉस्पिटैलिटी के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक रियाज अमलानी ने कहा कि सोमवार को उनकी कंपनी के 5-6 आउटलेट खुल सकते हैं। अमलानी दिल्ली और मुंबई में स्मोक हाउस डेली और सोशल नाम से रेस्टोरेंट चलाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुंबई में हमारे 20 से अधिक रेस्टोरेंट हैं। लेकिन जो समय तय किया गया है, वह रेस्टोरेंट के लिहाज से सही नहीं है क्योंकि करीब 80 फीसदी कमाई शाम को वहां बैठकर खाने वालों से होती है। मगर शुरुआत तो करनी होगी, इसलिए शुरू में 5 से 6 रेस्टोरेंट खोले जाएंगे। बाद में संख्या बढ़ाई जाएगी।’
दिल्ली में शराब की दुकानें भी सम-विषम आधार पर खुलेंगी। लेकिन जिम, स्पा, सैलून, बार और रेस्टोरेंट पूरी तरह बंद रहेंगे। मुंबई में सैलून, स्पा, पार्लर और जिम को सीमित समय के लिए आधी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दे दी गई है।
बैठने की क्षमता घटाने और कारोबारी घंटे कम करने से मुंबई में सोमवार को खाने-पीने की 20-25 फीसदी से ज्यादा दुकानें खुलने का अनुमान नहीं है। सौंदर्य और स्वास्थ्य बाजार की भी ऐसी ही स्थिति है क्योंकि कई कारोबारी और कंपनियां कोरोना मामले कम होने के बाद मुंबई के दूसरे स्तर तक पहुंचने का इंतजार करेंगी।
फेडरेशन ऑफ होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा, ‘मुंबई में समय की बंदिश रेस्टोरेंट के लिहाज से ठीक नहीं है क्योंकि रात का खाना हमारे कारोबार का सबसे अहम हिस्सा है। पिछले साल भी अनलॉक के दौरान ग्राहक संख्या पर बंदिश थी मगर इस बार समय की पाबंदी से चुनौती खड़ी होगी। सप्ताहांत पर पूरी बंदी भी ठीक नहीं है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि रेस्टोरेंट कारोबार के लिए स्थिति जल्दी सामान्य हो जाए।’
रेस्टोरेंट उद्योग का करीब 80 फीसदी कारोबार सप्ताहांत पर वहां बैठकर खाने वालों से होता है। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि दिन के समय खोलने से बहुत लाभ नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोग घरों से काम कर रहे हैं। रेस्टोरेंट की कुल आय में होम डिलिवरी की हिस्सेदारी महज 5 से 7 फीसदी है।
बहरहाल दिल्ली में मॉल मालिक अपने मॉल खोलने के लिए तैयार हैं। डीएलएफ शॉपिंग मॉल्स की कार्यकारी निदेशक और शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की निदेशक पुष्पा बेक्टर ने कहा कि मॉल में आने वालों पर नजर रखने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘जून-जुलाई रिटेलरों के लिए सेल का समय होता है। कई के पास काफी स्टॉक हैं। हमारा अनुमान है कि सेल जल्द शुरू हो जाएगी। हम टीकाकरण और स्वच्छता अभियान के साथ ग्राहकों को सुरक्षित और संरक्षित माहौल में मॉल तक वापस लाने के लिए तैयार हैं।’
नैशनल रेस्टोरेंंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनुराग कटारिया ने कहा कि चरणबद्घ तरीके से मुंबई को अनलॉक करने का विचार स्वागत योग्य है। यह पिछले साल से निश्चित तौर पर बेहतर है क्योंकि पिछले साल मुंबई में खाने-पीने की दुकानों को सबसे बाद में खोलने की अनुमति दी गई है। चुनौतियां तो हैं लेकिन स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होगी।
