ब्रांड फाइनैंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह (ब्रांड वैल्यू 10 प्रतिशत बढ़कर 31.6 अरब डॉलर हुई) 30 अरब डॉलर की सीमा पार करने वाला पहला भारतीय ब्रांड बनकर भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांड के रूप में अपनी पहचान कायम करने में कामयाब रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारत के बढ़ते आर्थिक दायरे और इलेक्ट्रॉनिक, ईवी, सेमीकंडक्टर, एआई तथा अक्षय ऊर्जा में बड़े निवेश के साथ टाटा समूह की कई क्षेत्रों में बढ़ती हैसियत को दर्शाती है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 6 फीसदी से 7 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। इसे लगातार क्षमता विस्तार, मजबूत घरेलू मांग और सार्वजनिक-निजी भागीदारियों से मदद मिलेगी। साथ ही प्रख्यात भारतीय ब्रांड वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद अवसरों का लाभ उठाने के लिहाज से मजबूत स्थिति में हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के शीर्ष-10 बेहद मूल्यवान ब्रांडों ने वैल्यू के संदर्भ में दो अंक की शानदार वृद्धि दर्ज की है।
ब्रांड फाइनैंस ने कहा कि ब्रांड वैल्यू को कार्य प्रणाली में शुद्ध आर्थिक लाभ के रूप में समझा जाता है जो एक ब्रांड मालिक खुले बाजार में ब्रांड का लाइसेंस देकर प्राप्त करता है।
ब्रांड फाइनैंस इंडिया के प्रबंध निदेशक अजिमन फ्रांसिस ने कहा, ‘भारत ‘मेक इन इंडिया’ पहल को नई ऊर्जा के साथ अपना रहा है। चाहे वह निर्माण, वित्तीय सेवाएं, मनोरंजन, समग्र उपचार या हॉस्पिटैलिटी हो, ‘ब्रांड भारत’ विश्व स्तर पर सफलताओं की कहानियां फिर से लिख रहा है। राष्ट्र की आर्थिक जीवंतता, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विस्तार इसके शीर्ष ब्रांडों को वैश्विक पहचान में बदल रहे हैं।’