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तमिलनाडु : बुजुर्गों को बीसीजी का टीका

Last Updated- December 15, 2022 | 4:50 AM IST

तमिलनाडु सरकार बुजुर्ग लोगों को बीसीजी का टीका लगाकर एक प्रायोगिक कार्यक्रम शुरू कर रही है। यह कार्यक्रम बुजुर्गों में कोविड-19 के कारण रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के लिए बेसिल कैलमेट-ग्यूरिन (बीसीजी) टीके की प्रभाव क्षमता का अध्ययन करने के लिए होगा। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार बीसीजी टीके को परीक्षण आधार पर 60 से 95 वर्ष की आयु के बुजुर्गों को दिया जाएगा। इसका उद्देश्य वरिष्ठ लोगों में कोविड के कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। तमिलनाडु सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सी विजयभास्कर ने कहा कि नैशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरक्लोसिस (एनआईआरटी) जल्द ही यह परीक्षण कार्यक्रम शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण एनआईआरटी करेगा जिसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। बीसीजी तपेदिक के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला टीका है जिसे राष्ट्रीय प्रतिरक्षण अनुसूची कार्यक्रम के तहत शिशुओं को दिया जा रहा है।
राज्य सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार बीसीजी का टीका जन्मजात प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करता है और इस बात की संभावना है कि यह टीका बुजुर्गों (60 से 95 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों) में कोविड-19 के कारण होनी वाली रुग्णता और मृत्यु दर में कमी ला सकता है। राज्य सरकार ने इस बात पर विचार करने के बाद कि कोविड-19 के उपचार के लिए कोई उपयुक्त दवा नहीं है, बुजुर्गों में बीसीजी के टीके की प्रभाव क्षमता का अध्ययन करने के लिए आईसीएमआर से अनुमति मांगी थी।

First Published - July 15, 2020 | 11:18 PM IST

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