आबकारी विभाग के शिकंजा कसने के बाद उत्तर प्रदेश में आयातित अंग्रेजी शराब की कीमतें खासी कम हो गई हैं। अब प्रदेश में पड़ोसी सूबों की तरह ही कम दामों पर आयातित अंग्रेजी शराब मिल सकेगी। आबकारी विभाग ने उत्तर प्रदेश में मंहगे दामों पर आयातित अंग्रेजी शराब की आपूर्ति कर रही कंपनियों से बातचीत के बाद यह आदेश किया है। उक्त आदेश के बाद प्रदेश में शराब की कीमतें कम कर दी गई हैं।
आबकारी विभाग ने आपूर्ति करने वाली कंपनियों से कहा है कि विदेश से मंगाई जाने वाली शराब की कीमतों में राज्यवार अंतर को खत्म करते हुए उत्तर प्रदेश में बिक्री की जाए। इस कदम के बाद बाहर के देशों से मंगाई जाने वाली शराब अब प्रदेश में भी कम दामों पर मिल सकेगी। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आयातित विदेशी शराब अब 10 से 25 फीसदी कम दामों पर उत्तर प्रदेश में उपलब्ध होगी। अधिकारियों का कहना है कि आयातित विदेशी शराब पर दिल्ली व उत्तर प्रदेश में करों में कोई फर्क नहीं है फिर भी यहां कीमतें ज्यादा वसूली जा रही थीं।
विभाग के इस कदम से उत्तर प्रदेश में ज्यादा बिकने वाली आयातित अंग्रेजी शराब जैसे ग्लेनलिवेट, बैलंटाइन, शिवास रीगल, जेमसन व्हिस्की और एब्सोल्यूट वोदका वगैरा खासी कम कीमत पर मिलने लगेंगी। अभी इनके दामों में उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक का अंतर है। अब इनकी कीमतों में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कोई अंतर नहीं रह गया है।
प्रदेश के आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन के मुताबिक शराब के आयातित ब्रांड का कस्टम से बाहर आने तक हर राज्य के लिए एक रेट होना चाहिए जबकि दिल्ली व उत्तर प्रदेश के रेट में अब तक खासा फर्क था। दोनों राज्यों की
इपोर्टेड शराब की कीमतों में काफी अंतर के चलते यूपी के लोगों को इसके लिए महंगी कीमत चुकानी पड़ती थी। पांडियन के संज्ञान में इस बात के आने के बाद अपर मुख्य सचिव के निर्देशन में इसकी तहकीकात हुई ताकि लोगों को उचित मूल्य पर आयातित शराब मिल सके। इस संबंध में आबकारी आयुक्त का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप उपभोक्ताओं के हित में काम करने के साथ ही अवैध शराब की तस्करी को रोकना ही हमारी ड्यूटी है।