छत्तीसगढ़ में लगभग 175 छोटे इस्पात तार निर्माता आज कच्चे माल की ऊंची कीमत के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
भिलाई वायर ड्राइंग एसोसिएशन (बीडब्लूडीए) और छत्तीसगढ़ स्टील वायर मैन्यूफैक्चरिंग एक्शन कमेटी (सीएसडब्लूएमएसी) के अध्यक्ष आशीष गुप्ता ने बताया, ‘मौजूदा परिस्थित में इकाइयों को चला पाना संभव नहीं है और यही वजह है कि छोटे इस्पात तार निर्माताओं के पास हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई चारा नहीं था।’
राज्य में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान बीडब्लूडीए और सीएसडब्लूएमएसी ने किया है। यहां की छोटी इकाइयां वायर-रॉड खरीदने के लिए राज्य के दो बड़े निर्माण उद्योगों पर निर्भर हैं जबकि प्रमुख कच्चा माल आपूर्तिकर्ता भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) कच्चे माल के लिए 5,000 रुपये प्रति टन प्रीमियम चार्ज कर रही है।
बीएसपी स्थानीय उद्योगपतियों के लिए एकमात्र वायर-रॉड आपूर्तिकर्ता था लेकिन इसने कुछ महीनों पहले उसने उत्पादन को बंद कर दिया था। कोलकाता में जब उद्योगपतियों ने वरिष्ठ सेल अधिकारियों से मुलाकात की तो उत्पादन को फिर से शुरू किया गया लेकिन अब वे 5,000 रुपये प्रति टन प्रीमियम चार्ज कर रहे हैं।
आशीष गुप्ता ने बताया कि वायर-रॉड और एचबी वायर बनाने वाले बड़े उद्योगपति अपनी इच्छा अनुसार कीमतों में वृध्दि कर रहे हैं। बीएसपी के अधिकारियों ने बताया कि मूल्य निर्धारण के संबंध में सभी फैसले भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) की केंद्रीय विपणन संगठन (सीएमओ) द्वारा ही किया जाता है।
वायर-रॉड निर्माताओं ने भी बताया कि कच्चे माल की कीमतें बाजार मांग के अनुरूप तय की गई हैं। राज्य की 175 उद्योगपतियों में 130 भिलाई मेंं ही स्थित हैं।