मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल राज्य विधानसभा में इस बात को स्वीकार किया कि राज्य बिजली की किल्लत से जूझ रहा है और वे कुछ मोर्चे पर असहाय हैं।
नवगठित विधानसभा को संबोधित करते हुए चौहान ने बताया कि कोयले भंडार में कमी, कथित तौर पर केंद्र सरकार की भेदभावपूर्व रवैया और अपर्याप्त वर्षा की वजह से राज्य में 2500 मेगावाट से अधिक बिजली की कमी महसूस की जा रही है।
चौहान ने बताया, ‘पर्याप्त वर्षा होने के कारण हम कुल 3000 मेगावाट पनबिजली क्षमता में से कम से कम 250-300 मेगावाट बिजली उत्पादन में सक्षम हैं। लेकिन वर्षा न होने से दिक्कत हो रही है।’ चौहान ने कहा कि केंद से गैर-आवंटित श्रेणी के तहत मिलने वाली बिजली को घटाकर 131 मेगावाट कर दिया गया है।