शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को ‘तथाकथित शिवसैनिक’ को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाए जाने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फैसले पर सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि भाजपा ने 2019 में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से इनकार क्यों किया था। उन्होंने सरकार के उस कदम की भी आलोचना की जिसमें पूर्ववर्ती सरकार के फैसले को बदलकर मुंबई मेट्रो के कार शेड को हरित पट्टी आरे कॉलोनी स्थानांतरित किए जाने का प्रस्ताव है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से 29 जून को इस्तीफा देने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करते हुए ठाकरे ने अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि अगर गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में उनसे किया गया वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री होता। देवेंद्र फडणवीस ने पहले घोषणा की थी कि वह एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन बाद में उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद पार्टी मुख्यालय में हुए जश्न में उनके शामिल नहीं होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दक्षिण मुंबई स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार के पतन के ढाई साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी का जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम रखा गया था। मध्य मुंबई के दादर में पार्टी मुख्यालय ‘शिवसेना भवन’ में ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को ‘शिवसेना का मुख्यमंत्री’ मानने से इनकार किया। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि भाजपा को बाकी बचे कार्यकाल के लिए शीर्ष पद पर अपना नेता नहीं होने से क्या मिला। ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार से गोरेगांव उपनगर की हरित पट्टी आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ने की भी अपील की। इस इलाके को एमवीए सरकार ने संरक्षित वन घोषित किया था।
विधानसभा में 4 जुलाई को विश्वामत
शिंदे सरकार 4 जुलाई को विधानसभा में विश्वामत प्राप्त करेगी। उद्धव ठाकरे ने भाजपा से यह भी कहा कि वह मुंबई को इस तरह धोखा न दे, जैसे कि उसने उन्हें ‘धोखा’ दिया था। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र की नई सरकार द्वारा मेट्रो कार शेड को मुंबई के कांजुरमार्ग से आरे कॉलोनी में ले जाए जाने संबंधी कदम से दुखी हैं। गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की पहली बैठक में, शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य प्रशासन को कांजुरमार्ग के बजाय आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 कार शेड बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रस्तावित कार शेड स्थल को आरे कॉलोनी से कांजुरमार्ग में स्थानांतरित कर दिया था। ठाकरे ने भाजपा से पूछा कि उसने पहले क्यों कहा कि ढाई साल पहले बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद लिए जाने के संबंध में कोई समझौता नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा मानती तो सत्ता परिवर्तन शालीनता और गरिमापूर्ण ढंग से होता। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से यह (शिंदे) सरकार बनी और जिन्होंने (भाजपा) यह सरकार बनाई… उन्होंने कहा है कि एक ‘तथाकथित शिवसैनिक’ को मुख्यमंत्री बनाया गया है। अगर मेरे और अमित शाह के बीच तय हुई बातों के अनुसार सब कुछ होता, तो सत्ता परिवर्तन बेहतर ढंग से होता और मैं मुख्यमंत्री नहीं बनता या महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन नहीं बनता।’ ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे ‘शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं’ और पार्टी को किनारे रखकर कोई शिवसेना नहीं हो सकती। ठाकरे ने कहा, ‘जिन लोगों ने ढाई साल पहले अपना वादा पूरा नहीं किया और शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपकर…वे एक बार फिर से (शिंदे) को शिवसेना का मुख्यमंत्री बताकर शिवसैनिकों के बीच संशय पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। वह (शिंदे) शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं। शिवसेना को अलग रखने से शिवसेना का कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता।’
सर्वोच्च न्यायालय में 11 जुलाई को सुनवाई
उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा दायर याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने को तैयार हो गया। इस याचिका में मौजूदा मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 बागी विधायकों को निलंबित करने का अनुरोध किया गया है जिनको अयोग्य करार देने की अर्जी लंबित है। पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर ‘पूरी तरह सचेत’ है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला के अवकाशकालीन पीठ से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही लंबित होने के कारण अंतरिम याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। शिंदे ने कहा है कि उनकी शीर्ष पद पर पदोन्नति देवेंद्र फडणवीस के मास्टरस्ट्रोक की वजह से हुई। उन्होंने कहा, ‘लोग सोच रहे थे कि भाजपा सत्ता के लिए आतुर है। लेकिन वास्तव में यह देवेंद्र जी का मास्टरस्ट्रोक था कि सत्ता बड़ी संख्या (विधायकों की) होने के बावजूद दूसरे व्यक्ति को दी जाए, इसके लिए बड़े दिल की जरूरत होती है।’ मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटों बाद ही शिंदे गुरुवार की मध्यरात्रि गोवा में अपने साथियों से मिलने गए जिन्होंने शिवसेना नेतृत्व से बगावत करने में उनका साथ दिया था। शिंदे ने गोवा हवाई अड्डे पर कहा, ‘मेरे सहयोगी और पूरा महाराष्ट्र प्रसन्न है कि बाला साहेब ठाकरे का शिवसैनिक राज्य का मुख्यमंत्री बना है।’ शिवसेना ने भाजपा पर अनैतिक तरीके से सत्ता पाने का आरोप लगाते हुए पूछा है कि अगर फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद की ही शपथ लेनी थी तो क्यों पार्टी ने 2019 में बारी-बारी से ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने के समझौते का सम्मान नहीं किया। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में पार्टी ने दिवंगत प्रधानमंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया जिन्होंने एक बार कहा था कि वह दलों को तोड़कर सत्ता पाने में विश्वास नहीं करते हैं। शिवसेना ने कहा कि भाजपा को इस पर गौर करना चाहिए।
मुझे सीएम बनाना फडणवीस का ‘मास्टरस्ट्रोक’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस के ‘मास्टरस्ट्रोक’ के कारण वह मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘लोगों को लगा कि भाजपा सत्ता के लिए बेताब है, लेकिन सच में यह देवेंद्र जी का ‘मास्टरस्ट्रोक’ है। बड़ी संख्या में (विधायक) होने के बावजूद किसी अन्य व्यक्ति को सत्ता सौंपने के लिए बड़े दिल की जरूरत होती है।’ राजभवन में बृहस्पतिवार शाम एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री और फडणवीस के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शिंदे ने कहा, ‘‘उनके फैसले से राज्य और देश के लोगों को बड़े दिल की एक नयी मिसाल देखने को मिली।’ शिंदे ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘सबसे ज्यादा संख्या वाली पार्टी मुख्यमंत्री पद पर दावा करती है, लेकिन इस मामले में, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जे पी नड्डा और विशेष रूप से देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने बड़ा दिल दिखाया और एक शिव सैनिक को यह मौका दिया।’ शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस का पिछला कार्यकाल उनके काम आएगा क्योंकि वह राज्य का नेतृत्व कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘फडणवीस अपने (पार्टी) वरिष्ठों के निर्देशों के कारण इस मंत्रिमंडल में शामिल हुए। मैं इसके कारण खुश हूं क्योंकि उनका अनुभव राज्य में विकास कार्यों को गति देने में काम आएगा।’
कांग्रेस ने आरे मेट्रो कारशेड निर्माण के फैसले की आलोचना की
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मुंबई के आरे वनक्षेत्र में मेट्रो कारशेड निर्माण संबंधी एकनाथ शिंदे सरकार का फैसला शहर की जनता के लिए पहला झटका है और यह कदम लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने के समान है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि पर्यावरणीय क्षति (पेड़ों की कटाई और हरित क्षेत्र में निर्माण) को ध्यान में रखते हुए मेट्रो लाइन-3 के कारशेड को आरे के बजाय कांजुरमार्ग में बनाने का फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘नवगठित सरकार आरे में कारशेड निर्माण को लेकर अड़ियल रवैया अपना रही है जो कि मुंबईकरों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। पर्यावरणविद और मुंबईवासी इसके खिलाफ हैं और हजारों लोगों ने तत्कालीन फडणवीस सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया था।’ पटोले ने कहा, ‘हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, हम मुंबई मेट्रो परियोजना के खिलाफ नहीं हैं। मुंबईवासियों को आवाजाही में सुविधा प्रदान करने के मद्देनजर सबसे पहले कांग्रेस नीत सरकार ने ही मेट्रो परियोजना के निर्माण का फैसला लिया था। कांग्रेस विकास और पर्यावरण के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के पक्ष में है।’ महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पिछले फैसले को पलट दिया।