उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से कम वर्षा होने के कारण सूखे जैसी स्थिति पैदा होने लगी है। इसका सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ेगा जो मुख्य रूप से वर्षा पर ही आश्रित रहते हैं। राज्य में 1 जनवरी के बाद से ही केवल 5 मिलीमीटर बारिश हुई है।
यह औसत से 90 फीसदी कम है और इस वजह से राज्य में सूखे के आसार बनने लगे हैं। कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस स्थिति पर चिंता जाहिर की है। मौसम विभाग का कहना है कि इस पहाड़ी राज्य में आमतौर पर अच्छी खासी वर्षा होती है।
अगर पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश से तुलना करें तो इस राज्य में बारिश अपेक्षाकृत बेहतर ही होती है। ऐसे में पिछले काफी समय से वर्षा कम होना चिंता का विषय है।
राज्य के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी केंद्र से एक सर्वेक्षण टीम भेजने का आग्रह करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कम वर्षा से राज्य को कितना नुकसान पहुंचा है।
खंडूड़ी इस बाबत केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से भी मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान कम वर्षा होने के कारण उत्तराखंड में गेहूं और दूसरी फसलों को नुकसान पहुंचा है। नुकसान का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने सभी 13 जिलों से रिपोर्ट मंगाई है।
सूखे जैसे हालात देख राज्य सरकार किसानों को अंतरिम राहत दिलाने के लिए एक आपातकालीन योजना तैयार करने पर विचार कर रही है।