दिल्ली में 14 नवंबर से शुरू हो रहे 28 वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के शानदार आयोजन को देखकर यह नहीं लगता है कि देश-दुनिया की कंपनियां मंदी के दौर से गुजर रही हैं।
पिछले साल के मुकाबले इस साल मेले में भाग लेने आई कंपनियों की संख्या काफी बढ़ गई है। मेले में 40 से अधिक देश और लगभग 7500 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इस बार मेले में 1500 के लगभग विदेशी खरीदार पहुंच रहे हैं। व्यापार मेले का मुख्य आकर्षण पड़ोसी देश पाकिस्तान है।
पाकिस्तान से इस बार लगभग करीब 100 भागीदार राजधानी पहुंच चुके हैं। पाकिस्तान व्यापार मेले में प्रमुख सहयोगी देश की भूमिका में है। इसके अलावा अन्य देश जैसे चीन से लगभग 150, दक्षिण अफ्रीका से 20 से 25 के करीब भागीदार पहुंचे हैं।
सुरक्षा के इंतजाम
सुरक्षा मामलों को ध्यान में रखते हुए इस बार सीसीटीवी की संख्या 75 कर दी गई है, जो पिछले साल 50 थी। इस बार मथुरा रोड और भैरो सिंह रोड पर भी सीसीटीवी लगाए गए हैं। अचानक बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में 30-60 सेंकंड की आपातकालीन बिजली आपूर्ति का इंतजाम किया गया है।
सुरक्षा गार्डों की व्यवस्था के लिए इस बार विशेष पैनल बनाया गया है, जो मान्यता प्राप्त एजेंसियों से इनकी भर्ती कर चुके हैं।
रोजगार का समंदर
जहां एक तरफ देसी-विदेशी कंपनियों कर्मियों की छंटनी करने में लगी हुई हैं, वहीं ऐसे में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले ने रोजगार का समंदर तैयार कर दिया है।
भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के वरिष्ठ महाप्रबंधक सफदर एच खान का कहना है, ‘इस बार मेले में सीधे ही आईटीपीओ ने 2,000 के लगभग अस्थायी नियुक्तियां की हैं।’
कंपनियों का चहेता
इस बार कंपनियां कितना बढ़ चढ़ कर मेले में भाग ले रही हैं, इस बारे में खान ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बाजार में मंदी की वजह से कंपनियां अपने विज्ञापन खर्च में कटौती कर रही है।
लेकिन इस मेले के जरिये मामूली खर्च पर कंपनी का प्रचार बड़े स्तर पर होता है। इस मेले में 25 से 30 लाख लोग आते हैं, जो अपने आप में एक बड़ी संख्या है।
‘ उन्होंने बताया, ‘इस बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इच्छुक व्यापारियों या कंपनियों के लिए पहले से ही तयशुदा व्यापार बैठक आयोजित की जा रही हैं जो व्यापार मेले के इतिहास में पहली बार हो रहा है।’
देश हाल ही में दो अहम घटानाओं का गवाह रहा है। पहली घटना, अमेरिका के साथ परमाणु करार और दूसरा चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण। खान के मुताबिक इस बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इन दोनों घटनाओं पर भी कुछ अलग देखने को मिलेगा।
मेले की खास बातें-
सहयोगी देश- पाकिस्तान
फोकस क्षेत्र – एसियान
सहयोगी राज्य- उड़ीसा
फोकस राज्य- केरल