उत्तर प्रदेश में विभिन्न उद्योगों में 10,000 स्टार्टअप शुरू किए जाएंगे। इन स्टार्टअप से 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और एक लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। प्रदेश में इन्क्यूबेटर्स और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवकों को इंटर्नशिप पर रखने और उन्हें भत्ता दिए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नई स्टार्टअप नीति 2020 को मंजूरी दे दी है। अब तक प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति-2017 लागू थी जिसमें केवल आईटी क्षेत्र के उद्योगों को ही सहूलियतें दी जाती थीं। अब प्रदेश के अलग अलग उद्योगों जैसे कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन वगैरह को भी इसमें शामिल कर दिया गया है।
स्टार्टअप इकाइयों के वित्तपोषण के लिए सिडबी के साथ 1,000 करोड़ रुपये के स्टार्टअप फंड की स्थापना तथा यूपी एन्जेल नेटवर्क की स्थापना की गई है। नई स्टार्ट(अप नीति पांच सालों के लिए वैध होगी। इसकी मदद से प्रदेश में कम से कम 100 इन्क्यूबेटर्स स्थापित किए जाएंगे। हर जिले में कम से कम एक इन्क्यूबेटर लगाया जाएगा।
नई नीति में प्रोत्साहनों के तहत इन्क्यूबेटर्स को पूंजीगत अनुदान, परिचालन व्यय केलिए सहायता, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, नवरत्न इन्क्यूबेटर्स की व्यवस्था तथा स्टार्टअप को सरकारी खरीद में वरीयता, भरण-पोषण भत्ता, पेटेंट फाइलिंग लागत की प्रतिपूर्ति, स्टार्टअप फंड, विश्वविद्यालयों एवं विद्यालयों में नवाचार और उद्यमिता पाठ्यक्रम, पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड के स्टार्टअप के लिए अतिरिक्त सहूलियतों का प्रावधान रखा गया है।
बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने नई स्टार्टअप नीति को मंजूरी देने के साथ केंद्र सरकार की तर्ज पर इंटर्नशिप योजना शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत 85,000 युवकों को प्रतिमाह 2,500 रुपये की इंटर्नशिप देने के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के नाम से चलाई जाने वाली इस योजना के लिए प्रदेश स्तर पर एक वेबपोर्टल भी शुरू किया जाएगा। राज्य स्तरीय वेब पोर्टल पर सभी चयनित प्रशिक्षुओं को प्रदान किए जा रहे प्रशिक्षण के मूल्यांकन की व्यवस्था होगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने फार्मा सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रिशक्षुओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये इंटर्निशिप देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के तहत फार्मा इकाइयों में अधितम पांच प्रशिक्षुओं को छह माह तक 1,000 रुपये दिए जाएंगे।
एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद ने हरदुआगंज में 660 मेगावट की नई इकाई की संशोधित लागत 6,011.83 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस परियोजना से 660 मेगावाट बिजली उत्पादन दिसंबर, 2020 से शुरु होगा जिसकी सौ फीसदी बिजली प्रदेश को प्राप्त होगी।
प्रदेश सरकार ने केबल टीवी के जरिये स्थानीय चैनलों के प्रसारण के लिए प्रति टीवी सेट 100 रुपये का लाइसेंस शुल्क खत्म कर दिया है, जबकि एकमुश्त लाइसेंस फीस 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। इस फैसले के बाद बड़े पैमाने पर स्थानीय चैनल शुरू किए जा सकेंगे।
