उत्तर प्रदेश में अनलॉक के बाद राजस्व में लगातार चौथे महीने बढ़ोत्तरी के बाद भी अभी यह लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया है। प्रदेश सरकार की ओर से नवंबर महीने के लिए तय लक्ष्य के मुकाबले 78.9 फीसदी राजस्व आ सका है।
हालांकि कोरोना संकट के शुरुआत महीनों की गिरावट के बाद अब अनलॉक के दौर में प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में लगातार चौथे महीने वृद्धि हुई है। पिछले साल नवंबर के मुकाबले इस बार नवंबर में 345.97 करोड़ अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। हालांकि यह वृद्धि अक्तूबर की अपेक्षा कम है।
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के मुताबिक प्रमुख करों व करेत्तर राजस्व प्राप्तियों में 10,903.87 करोड़ रुपया सरकारी खजाने में आया है, जबकि साल 2019 के नवंबर में यह 10,557.97 करोड़ रुपये था।
उन्होंने बताया कि सरकार ने राजस्व प्राप्ति के लिए इस साल नवंबर का लक्ष्य 13,825.24 करोड़ तय किया था। लेकिन यह 10,903.87 करोड़ ही पहुंच पाया जो लक्ष्य का 78.9 फीसदी रहा। इसी तरह वित्त वर्ष-2020 के अप्रैल से नवंबर तक का लक्ष्य 1,07,308.95 करोड़ रुपये था। हालांकि इस दौरान प्राप्तियां 67,475.64 करोड़ ही रहीं। खन्ना ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है, लेकिन इसे रफ्तार पाने में अभी वक्त लगेगा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वैट, आबकारी, स्टांप व निबंधन तथा भूतत्व एवं खनिकर्म की राजस्व प्राप्तियों में नवंबर में भी वृद्धि हुई है। स्टांप रजिस्ट्रेशन में नवंबर के लक्ष्य का 103.8 फीसदी राजस्व बढ़ा है। इससे साफ है कि एक बार फिर जमीन जायदाद में निवेश बढ़ा है, जो अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत है।
खन्ना ने बताया पिछले वित्तीय वर्ष के अगस्त से नवंबर की प्राप्तियों की तुलना में इस वित्त वर्ष के अगस्त में 600 करोड़, सितंबर में 890 करोड़ और अक्तूबर में 1,828 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी। उन्होंने कहा कि जीएसटी के आंकड़े देर से आते हैं, इसलिए दीपावली के कारोबार से जीएसटी की वृद्धि दिसंबर के आंकड़ों में दिखेगी।
हालांकि आबकारी राजस्व में अभी भी वृद्धि लक्ष्य के मुकाबले नही हो सकी है। इसका बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों खासकर बिहार को होने वाली तस्करी और नवंबर में विधान परिषद चुनाव के चलते रोकथाम व आचार संहिता रही है। अक्तूबर में आबकारी से जहां लक्ष्य का 106 फीसदी राजस्व प्राप्त हुआ था, वहीं नवंबर में लक्ष्य का 83 फीसदी ही राजस्व मिला। इसी तरह परिवहन सेवाएं अभी भी पूरी तरीके से पटरी पर नहीं आ पाई हैं। इसका असर भी प्राप्तियों पर है।