महाराष्ट्र में कोरोनावायरस संक्रमण की रफ्तार भले ही कम हुई हो लेकिन राज्य में लागू लॉकडाउन जैसी पाबंदियां नहीं हटने जा रही हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने जानकारी दी है कि राज्य में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां 15 दिन के लिए बढ़ाई गई हैं। संक्रमण दोबारा फैलने की आशंका के देखते हुए सरकार अभी कुछ और हफ्ते तक राज्य में पाबंदियां लगा कर रखने की स्पष्ट मंशा जाहिर कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कारोबारी संगठन व्यापार की दुहाई देकर सरकार से लगातार पाबंदियों में छूट देने की गुहार लगा रहे हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बाद शुक्रवार को राजेश टोपे ने कहा कि राज्य में रिकवरी दर 93 फीसदी तक पहुंच गई है। गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी कि लॉकडाउन को 15 दिनों के लिए बढ़ाया जाना चाहिए लेकिन जिन जिलों में मामले कम हुए हैं, उनमें ढील दी जा सकती है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन जैसी पाबंदियों को 1 जून के बाद भी बढ़ाया जाएगा। उनमें बाद में चरणबद्ध तरीके से राहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान इस बाबत प्रशासन को जरूरी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में ठाकरे के हवाले से कहा गया है कि राज्य में संक्रमण दर के कम होने के बावजूद इस समय एहतियात की जरूरत है। ठाकरे ने कहा, ’10-15 जिलों में संक्र मण दर अब भी बहुत ज्यादा है। इसके अलावा, ब्लैक फंगस का खतरा है। हमें अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है। लॉकडाउन जैसी पाबंदियां 1 जून को एक साथ नहीं हटाई जाएंगी। चरणबद्ध तरीके से कुछ समय बाद रियायत दी जाएगी।’
अप्रैल महीने से महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगने से राज्य के कारोबारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है इसीलिए वह सरकार से दुकानें खोलने की लगातार मांग कर रहे हैं। फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह कहते हैं, ‘राज्य में दूसरे लॉकडाउन की वजह से 70 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। साथ ही 13 लाख व्यापारी, 50 से 60 लाख कर्मचारी और उनके लगभग दो करोड़ परिवार आज लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं। पहले लॉकडाउन ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी थी और अब दूसरे लॉकडाउन की वजह से व्यापार से जुड़े लोगी पर भूखे मरने की नौबत आई है।’
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष जितेंद्र शाह ने कहा, ‘संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू प्रतिबंध अब 1 जून को खत्म होने चाहिए या फिर प्रतिबंधों में छूट दी जानी चाहिए। पिछले 55 दिनों से दुकानें बंद है, कारोबारी वर्ग बर्बाद हो चुका है अब उसे दुकानें खोलने दिया जाए।’
